मेहसाणा , अक्टूबर 10 -- गुजरात के वित्त मंत्री कनुभाई देसाई ने पहले वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस (वीजीआरसी) के समापन अवसर पर शुक्रवार को यहां कहा कि उत्तर गुजरात पूरे राज्य का श्रेष्ठ रीजन बनकर उभरेगा।

श्री देसाई ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2003 में वाइब्रेंट समिट का आयोजन कर जो दीर्घदृष्टि दिखाई थी, वह अब फलीभूत हुई है। उनके इस मॉडल से प्रेरित होकर आज देश के अन्य राज्य भी ऐसे इवेंट का आयोजन कर रहे हैं। कोरोना काल की चुनौतियों के बावजूद वाइब्रेंट की यात्रा अविरत जारी रही है। अब, गुजरात के चार क्षेत्रों में से एक उत्तर गुजरात से रीजनल वाइब्रेंट की शुरुआत होने से उत्तर गुजरात पूरे राज्य का श्रेष्ठ रीजन बनकर उभरेगा।

इस अवसर पर उद्योग मंत्री बलवंतसिंह राजपूत ने कहा कि वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस की शुरुआत राज्य के प्रत्येक क्षेत्र को विकास में सहभागी बनाने के उम्दा उद्देश्य के साथ की गई है। इस पहले संस्करण में दो दिनों तक लघु, मध्यम और मेगा उद्योगों तथा हितधारकों के साथ गुणवत्ता और कौशल विकास जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई और समझौता ज्ञापनों (एमओयू) किए गए हैं।

श्री राजपूत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी देश के छोटे से छोटे व्यक्ति की चिंता करते हैं। युद्ध, टैरिफ (टैक्स) और औद्योगिक प्रतिस्पर्धा के समय में भी जीएसटी सुधारों और 12 लाख रुपए तक की आय पर आयकर छूट देने जैसे निर्णयों के माध्यम से वे 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के लिए देश को प्रोत्साहित कर रहे हैं। गुजरात में भी मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मजबूत नेतृत्व में सिंगल विंडो सिस्टम और उद्योग-उन्मुख नीतियों के परिणामस्वरूप राज्य में कारोबार सुगमता के श्रेष्ठ वातावरण का निर्माण हुआ है।

उद्योग और खान विभाग की प्रधान सचिव ममता वर्मा ने कहा कि रीजनल वाइब्रेंट समिट राज्य के समान और संतुलित विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस कॉन्फ्रेंस से क्षेत्रीय स्तर पर उद्योगों के बीच परस्पर भागीदारी, नेटवर्किंग और विचारों का आदान-प्रदान संभव हुआ है, जिससे उद्योग और रोजगार के नए क्षेत्रों को उभरने का अवसर मिलेगा।

उद्योग आयुक्त पी. स्वरूप ने दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस की सफलता का वर्णन करते हुए कहा कि इस समिट में 34 विदेशी कंपनियों ने हिस्सा लिया है। 170 से अधिक स्टार्टअप्स भी शामिल हुए हैं। छोटे-बड़े सभी उद्योगपति इसमें सहभागी बने हैं। 80 से अधिक देशों की भागीदारी के साथ यह समिट वैश्विक बन गई है। कृषि सेमिनार में जापान, वियतनाम, दक्षिण कोरिया और नीदरलैंड जैसे देशों ने हिस्सा लिया। देश और दुनिया से कुल 29,000 रजिस्ट्रेशन हुए, जिनमें 440 से अधिक अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि शामिल हुए।

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