नयी दिल्ली, सितंबर 27 -- भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) ने उत्तराखंड में हाल के पंचायत चुनावों को लेकर कांग्रेस पार्टी के उस वीडियो को 'भ्रामक' बताया है जसमें दावा किया गया है कि चुनाव आयोग की एक और 'वोट चोरी' पकड़ी गयी है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर 'उत्तराखंड पंचायत चुनाव' पर जारी कांग्रेस पार्टी के इस वीडियो को ईसीआई ने शनिवार को अपने फैक्टचेक पेज पर टैग करते हुए इस पर 'भ्रामक' का ठप्पा लगाया है। आयोग ने कहा कि ईसीआई संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत संसद, राज्यों की विधानसभाओं तथा राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव करवाता है।

कांग्रेस पार्टी की ओर से जारी इस वीडियो में ईसीआई के लोगो के साथ शुरू में लिखा गया है - "चुनाव आयोग की एक और चोरी पकड़ी गयी है।"वीडियो में केंद्रीय मंत्री अमित शाह और मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के एक साथ फोटो, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की फोटो ओर उत्तराखंड उच्च न्यायालय की फोटो भी है। इसमें लिखित रूप में और वायस-ओवर (बोल कर) दिये गये आख्यान में कहा गया है, "चुनाव आयोग से ऐसे उम्मीदवारों के नामांकन रद्द करने की मांग की गयी थी जिनका नाम एक से ज्यादा जगहों पर दर्ज है। लेकिन चुनाव आयोग ने अपने ही नियम को मानने से इनकार कर दिया।"वीडियो में कहा गया है, "जब उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने भी आयोग को ऐसे उम्मीदवारों के नामांकन रद्द करने को कहा तो भी चुनाव आयोग ने उसे नहीं माना। अब सुप्रीम कोर्ट (उच्चतम न्यायालय) ने इस मामले की सुनवाई करते हुए आयोग पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।"वीडियो में कहा गया है, "साफ है भाजपा और चुनाव आयोग मिलकर देश में चुनावों में फर्जीवाड़ा करते हैं। यह साफ तौर पर देश के लोकतंत्र पर हमला है।"उल्लेखनीय है कि पंचायत ओर नगर निकायों के चुनाव राज्यों के निर्वाचन आयोगों (एसईसी) द्वारा कराये जाते हैं, न कि भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा।

चुनाव आयोग के इस फैक्टचेक पोस्ट में ईसीआई और राज्यों के चुनाव आयोगों (एसईसी) की भूमिका और दायित्वों में अंतर को समझने के लिए लोगों को एक डिजिटल लिंक भी दिया गया है।

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