भोपाल , नवंबर 30 -- मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में नई शिक्षा नीति वर्ष 2020 के अनुरूप स्कूल शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के लिये राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रदेश के सांदीपनि विद्यालयों ने अपनी उच्च गुणवत्ता के कारण अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है। साथ ही ये विद्यालय उत्तम शिक्षा और कौशल विकास के केन्द्र बन रहे हैँ।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार द्वारा सांदीपनि विद्यालयों के माध्यम से बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिये जाने के साथ ही उनके कौशल विकास और उन्हें रोजगार से जोड़ने पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रदेश में सांदीपनि विद्यालय की शुरूआत वर्ष 2022-23 शैक्षणिक सत्र से हुई। इस सत्र में प्रथम चरण में प्रदेश में 274 सांदीपनि विद्यालय शुरू किये गये। इन विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या 3 लाख से ऊपर हो गयी है। विद्यालय में केजी-वन से कक्षा 12वीं तक के विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान की जा रही है। वर्ष 2024-25 में कक्षा 10वीं का परीक्षा परिणाम 88 प्रतिशत और कक्षा 12वीं का परीक्षा परिणाम 84 प्रतिशत तक रहा है।

प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग ने सांदीपनि विद्यालयों में अधोसंरचना के विस्तार को प्राथमिकता दी और 256 सांदीपनि विद्यालय भवनों के निर्माण का कार्य प्रारंभ किया गया। विद्यालयों के भवन निर्माण एवं संसाधनों की सुविधा के लिये स्कूल शिक्षा विभाग ने लगभग 10 हजार करोड़ रूपये की कार्ययोजना तैयार की है। अब तक 44 सांदीपनि विद्यालयों के नवीन भवन बनकर तैयार हो गये हैं। अगले शैक्षणिक सत्र वर्ष 2026-27 में 256 विद्यालयों का भवन निर्माण पूरा कर लिया जायेगा। सांदीपनि विद्यालयों में निकटस्थ 10 से 15 किलोमीटर दूरी के विद्यार्थियों को लाने के लिये नि:शुल्क परिवहन सेवा भी प्रदान की जा रही है।

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