चेन्नई , अक्टूबर 07 -- अन्नाद्रमुक महासचिव और तमिलनाडु विधानसभा में विपक्ष के नेता ए के. पलानीस्वामी ने एक अधिवक्ता की ओर से मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी.आर. गवई पर सोमवार को कोई वस्तु फेंके जाने की घटना की कड़ी निंदा करते हुये कहा है कि लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है।
उन्होंने मंगलवार को एक बयान में कहा, "इस घटना ने राष्ट्र की अंतरात्मा को बहुत आहत किया है। न्याय के पवित्र स्थान में आक्रामकता या धमकी के कृत्य हमारे लोकतंत्र की नींव पर प्रहार करते हैं।"उन्होंने कहा, "किसी भी प्रकार की हिंसा, विशेष रूप से "विधि के शासन को मूर्त रूप प्रदान करने वाली संस्थाओं में पूरी तरह से अस्वीकार्य है और इसकी स्पष्ट रूप से निंदा की जानी चाहिये।"उन्होंने इस घटना के दौरान न्यायमूर्ति गवई के शांत एवं गरिमापूर्ण व्यवहार की सराहना की और इसे उनकी ईमानदारी, साहस और हमारे संविधान में निहित मूल्यों के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब कहा।
श्री पलानीस्वामी ने आगे कहा कि देश की सर्वोच्च न्यायिक संस्थाओं की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि न्यायपालिका का सम्मान लोकतंत्र में जनता के विश्वास को कायम रखने के लिए अनिवार्य है और इसे कमज़ोर करने के किसी भी प्रयास का सख़्त एवं क़ानूनी कार्रवाई से जवाब देना चाहिए।
इस बीच भाजपा सांसद और तमिलनाडु के चुनाव प्रभारी बैजयंत पांडा ने मंगलवार को श्री पलानीस्वामी से मुलाकात की और 2026 के विधानसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा की। अन्नाद्रमुक सूत्रों ने कहा कि बैठक लगभग एक घंटे तक चली और यह चर्चा चुनावों में सत्तारूढ़ द्रमुक का मुकाबला करने के लिए समान विचारधारा वाले दलों को शामिल कर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को मजबूत करने पर केंद्रित रही।
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