नयी दिल्ली , दिसंबर 22 -- प्रवर्तन निदेशालय ने प्रयाग ग्रुप ऑफ कंपनीज और उसके निदेशकों के खिलाफ दर्ज 2,863 करोड़ रुपये के धनशोधन मामले में 110 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है।

ईडी ने सोमवार को बताया कि आईपीसी, 1860 और पुरस्कार चिट एवं धन परिसंचरण योजना (प्रतिबंध) अधिनियम 1978 की धाराओं के तहत केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई एफआईआर और चार्जशीट के आधार पर जांच शुरू की। उक्त एफआईआर प्रयाग समूह द्वारा अनधिकृत जमा योजनाओं के माध्यम से बड़े पैमाने पर अवैध जमा राशि जुटाने से संबंधित है।

ईडी की जांच में पता चला कि प्रयाग समूह ने अपनी कंपनियों प्रयाग इन्फोटेक हाई-राइज लिमिटेड और प्रयाग इन्फोटेक नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से आरबीआई या सेबी की किसी भी स्वीकृति के बिना अवैध जमा एवं धन परिसंचरण योजनाओं के माध्यम से उच्च रिटर्न का लालच देकर 38,71,674 जमाकर्ताओं से धोखाधड़ी की और कुल 2,863 करोड़ रुपये की राशि एकत्रित की। 31.03.2016 तक, जमाकर्ताओं का 1,906 करोड़ रुपये का बकाया (ब्याज को छोड़कर) अभी भी अदा नहीं किया गया है।

ईडी की जांच में आगे पता चला कि एकत्रित धनराशि का उपयोग किसी भी वैध व्यावसायिक गतिविधि के लिए नहीं किया गया था। इसके बदले समूह ने पोंजी योजना चलाई, जिसमें नए निवेशकों से प्राप्त धन का उपयोग पुराने निवेशकों की बकाया राशि चुकाने के लिए किया गया, जबकि धनराशि का एक बड़ा हिस्सा भूमि, होटल, फिल्म सिटी परियोजनाओं के अधिग्रहण, कंपनियों के अधिग्रहण, एजेंटों को कमीशन भुगतान, विज्ञापन, सेलिब्रिटी प्रचार तथा प्रमोटरों और उनके परिवार के सदस्यों के व्यक्तिगत लाभ के लिए इस्तेमाल किया गया।

ईडी की जांच में यह भी पता चला कि प्रयाग ग्रुप के निदेशक और प्रमोटर बसुदेब बागची, अविक बागची और स्वप्ना बागची ने पारिश्रमिक के नाम पर धन निकालने, अपने नाम पर अचल संपत्तियां प्राप्त करके, बिना किसी प्रतिफल के खुद को शेयर आवंटित करने और संबंधित संस्थाओं को धन हस्तांतरित करके अपराध की आय से व्यक्तिगत लाभ उठाया।

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