मुंबई , अक्टूबर 11 -- प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को प्रसिद्ध उद्योगपति अनिल अंबानी से जुड़ी रिलायंस पावर के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) और कार्यकारी निदेशक अशोक कुमार पाल से 68 करोड़ रुपये की कथित फर्जी बैंक गारंटी से जुड़े धन शोधन मामले में पूछताछ की।
नयी दिल्ली की एक अदालत द्वारा ईडी को उनकी हिरासत दिए जाने के बाद पाल से पूछताछ दो दिनों तक चलेगी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, पाल को सोमवार को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जाएगा।
इससे पहले, रिलायंस पावर लिमिटेड (आरपीएल) के सीएफओ पाल को ईडी ने शुक्रवार देर रात गिरफ्तार कर लिया था जिसके बाद उनसे ईडी के दिल्ली कार्यालय में कई घंटों तक पूछताछ की गई थी। ईडी ने पाल को कथित 17,000 करोड़ रुपये के अनिल अंबानी समूह बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़ी कथित हवाला कारोबार की जांच के सिलसिले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत हिरासत में लिया।
ईडी ने आरोप लगाया है कि पाल ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) को सौंपी गई 68 करोड़ रुपये से अधिक की फर्जी बैंक गारंटी को क्रियान्वित करने में "महत्वपूर्ण भूमिका" निभायी थी। कथित तौर पर, यह गारंटी फर्जी बिलिंग, फर्जी कंपनियों और फर्जी ईमेल डोमेन से जुड़े एक व्यापक रैकेट का हिस्सा थी, जिसका उद्देश्य फर्जी वित्तीय साधनों को वैध के रूप में प्रस्तुत करना था। ईडी ने आरोप लगाया है कि पाल ने फर्जी बैंक गारंटी जारी करने के लिए बिस्वाल ट्रेडलिंक प्राइवेट लिमिटेड (एक ऐसी फर्म जिसकी कोई विश्वसनीय पृष्ठभूमि नहीं है) को नियुक्त करने में मदद की। ईडी ने आरोप लगाया है कि यह एक सूचीबद्ध कंपनी से सार्वजनिक धन को हटाने की योजना का हिस्सा था, जिसके 75 प्रतिशत से अधिक शेयर जनता के पास थे।
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