नयी दिल्ली , दिसंबर 22 -- प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उत्तर प्रदेश के भदोही निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व विधायक विजय मिश्रा, पूर्व विधान पार्षद राम लली मिश्रा और तीन अन्य के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोप पत्र दाखिल किया है।

ईडी के इलाहाबाद उप-क्षेत्रीय कार्यालय ने विजय मिश्रा, राम लली मिश्रा और अन्य के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की थी। पुलिस ने लोक सेवक के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान 36.07 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति के संबंध में आरोप पत्र भी दाखिल किए थे।

इसके अलावा, विजय मिश्रा और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ राज्य भर में जबरन वसूली, अवैध खनन, अपहरण, हत्या, लूट, धोखाधड़ी, जालसाजी, आपराधिक साजिश और संगठित अपराध सहित कई आपराधिक मामले दर्ज पाए गए, जो उनके लंबे आपराधिक इतिहास को दर्शाते हैं।

जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि विजय मिश्रा और राम लली मिश्रा ने लोक सेवक के रूप में कार्य करते हुए अपने आधिकारिक पदों का दुरुपयोग किया और एक कंपनी मैसर्स वीएसपी स्टारर रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड बनाई। उन्होंने इसके माध्यम से अवैध रूप से कमाई गई बड़ी राशि का शोधन किया और इसके नाम पर भारी संपत्ति बनाई।

ईडी ने सोमवार को बताया कि अपराध की कमाई (पीओसी) को बेनामी संपत्तियों के रूप में निवेश किया गया था। यह पाया गया कि विजय मिश्रा और उनके परिवार के सदस्यों की आपराधिक गतिविधियों से उत्पन्न पीओसी को उनके बेटे विष्णु मिश्रा और एक करीबी सहयोगी भोलानाथ शुक्ला की सहायता से व्यवसायिक गतिविधियों में लगाया गया था ताकि इसे बेदाग दिखाया जा सके।

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