नयी दिल्ली , दिसंबर 23 -- प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को इंदौर की एक विशेष अदालत के समक्ष धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के अंतर्गत एक अभियोग शिकायत दायर की, जिसमें इंदौर, मुंबई, अहमदाबाद, चेन्नई और दुबई में बड़े पैमाने पर अवैध डब्बा व्यापार एवं ऑनलाइन सट्टेबाजी में शामिल एक गिरोह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

ईडी ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 319(2) और 318(4) के अंतर्गत अपराधों के लिए इंदौर पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर पीएमएलए जांच शुरू की, जो भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 419 और 420 के अनुरूप है।

ईडी को आगे की जांच में पता चला कि इंदौर मामले (एफआईआर संख्या 041/2025) से जुड़े लोगों से संबंधित एक अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी रैकेट के संबंध में एक अन्य एफआईआर मुंबई के एन.एम. जोशी मार्ग पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 419, 420, 465, 468 और 471, महाराष्ट्र जुआ निषेध अधिनियम एवं सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66(सी) और 66(डी) के अंतर्गत दर्ज की गई थी। पुलिस ने उक्त मामले में आरोपपत्र दाखिल कर दिया है।

जांच में तकनीकी रूप से एक ऐसे तंत्र का खुलासा हुआ जिसमें धांधली करने वाले ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, अवैध सट्टेबाजी वेबसाइटें और सीमा पार धनशोधन नेटवर्क शामिल थे।

विशाल अग्निहोत्री की पहचान मुख्य संचालक के रूप में हुई, जिनकी सहायता तरुण श्रीवास्तव ने की जो प्रतिदिन का वित्तीय संचालन एवं फर्जी खातों का प्रबंधन करता था और श्रीनिवासन रामासामी ने गलत व्यापारिक परिणाम उत्पन्न करने के लिए डिज़ाइन किए गए एमटी5 सर्वरों को नया रूप दिया और हेरफेर की।

एक समानांतर सट्टेबाजी नेटवर्क में, धवल देवराज जैन कथित रूप से भूमिगत सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म लोटसबुक247 का संचालन करता था जबकि धर्मेश रजनीकांत त्रिवेदी ऑफशोर इकाई आईबुल कैपिटल का प्रबंधन करता था। निधि चंदनानी कथित रूप से दुबई स्थित संरचनाओं के माध्यम से धन के हस्तांतरण और हेरफेर में सहायता करती थीं।

जांच में पुष्टि हुई कि ग्राहकों को वी मनी और 8स्टॉक हाइट जैसे प्लेटफार्मों पर मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों से किसी भी प्रकार का संबंध न रखते हुए नकली व्यापार दिखाए जाते थे। लोटसबुक247 और 11स्टार्स जैसे सट्टेबाजी प्लेटफार्म कथित रूप से गुमनाम खातों, एन्क्रिप्टेड संचार और नकद-आधारित निपटान का उपयोग करके गुप्त रूप से संचालित हो रहे थे।

ईडी ने हेराफेरी वाले ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, अवैध सट्टेबाजी वेबसाइटों एवं अनियमित व्हाइट-लेबल एप्लिकेशन से प्राप्त 404.46 करोड़ रुपये की आपराधिक आय की पहचान की है। इसके अलावा पीएओ संख्या 24/2025 के अंतर्गत 34.26 करोड़ रुपये की संपत्ति को अस्थायी रूप से जब्त किया गया, जिसमें 28.60 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति, 3.83 करोड़ रुपये की चल संपत्ति और बैंक एवं डीमैट खातों में 1.83 करोड़ रुपये की शेष राशि शामिल है।

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