अहमदाबाद , नवंबर 25 -- गुजरात की उद्यमिता शिक्षा, अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में कार्यरत राष्ट्रीय संसाधन संस्थान एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (ईडीआईआई) ने यहां भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल और एआईसीटीई के सहयोग से मंगलवार को केंद्रीय क्षेत्रीय सम्मेलन 2025 आयोजित किया।

गुजरात और उसके आसपास के क्षेत्रों से इस एक दिवसीय कार्यक्रम में 100 संस्थानों के 500 से अधिक सहभागियों ने हिस्सा लिया, और 90 से अधिक स्टार्टअप स्टॉलों ने अपने नवाचारी स्टार्टअप विचारों का प्रदर्शन किया। 100 से अधिक स्टार्टअप्स ने निवेशको के पैनल के समक्ष अपने ईनोवेटीव आईडिया प्रस्तुत किये।

राज्य सरकार तकनीकी शिक्षा, निदेशक आईएएस बी.एच. तलाटी ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य राष्ट्रीय स्तर पर विद्यार्थियों में उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र और नवाचारों को प्रोत्साहित करना था। नवोन्मेषकों (इनोवेटरों) की नई पीढ़ी को प्रोत्साहित करने की बढ़ती आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, "आज की यह सेंट्रल रीजनल मीट 2025 देश के कुछ सबसे प्रतिभाशाली इनोवेटरों को एक मंच पर साथ लाई है।

श्री तलाटी ने कहा कि गुजरात ने स्टूडेंट स्टार्टअप एंड इनोवेशन पॉलिसी (एसएसआईपी) जैसी पहलों के माध्यम से काफी मजबूत और समावेशी नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र तैयार किया है, जो कक्षा आठ से ही रचनात्मकता और उद्यमी सोच को बढ़ावा देती हैं। पूरे राज्य में कई इनोवेशन हब सक्रिय होने से, शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के विद्यार्थियों को समस्या-समाधान और प्रौद्योगिकी-आधारित समाधान खोजने का अवसर मिल रहा है।

गुजरात जलवायु, स्वास्थ्य, सततता, जल, हरित ऊर्जा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे क्षेत्रों में नवाचारों को बाज़ार-उन्मुख समाधानों में बदलने में निरंतर उत्कृष्टता प्रदर्शित कर रहा है। नवाचार अब विकल्प नहीं है; यह राष्ट्रीय विकास के लिए अनिवार्य है, और मुझे हर्ष है कि संस्थान और विद्यार्थी इस ज़िम्मेदारी को इतने उत्साह के साथ आगे बढ़ा रहे हैं,"।

ईडीआईआई के महानिदेशक डॉ. सुनील शुक्ला ने इस मौके पर कहा कि इस एक दिवसीय रीजनल मीट में तीन प्रमुख तकनीकी ट्रैक शामिल थे आईआईसी संस्थानों द्वारा संचालित नॉलेज-शेयरिंग सत्र, इनोवेशन एम्बेसेडरों के लिए ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स (टीओटी) और इकोसिस्टम एनब्लरों द्वारा युक्ति इनोवेटरों के लिए मास्टरक्लास। कार्यक्रम का विशेष आकर्षण 'स्वदेश उद्यमी बाज़ार' था, जो भारत सरकार की वोकल फॉर लोकल विज़न को समर्पित था, जहाँ 20 से अधिक स्थानीय उद्यमी उपक्रमों ने अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया।

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