श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश) , दिसंबर 24 -- भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी वर्ष 2026 में काफी व्यस्त रहने वाला है और अगले साल भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के कई कार्यक्रम तय हैं।
इसरो के विभागीय सचिव (अंतरिक्ष) और अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन ने बुधवार को कहा कि भारत के निजी अंतरिक्ष क्षेत्र की किसी कंपनी द्वारा जल्द ही एक प्रक्षेपण होने की उम्मीद है, जो देश के व्यावसायिक अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
अमेरिकी संचार उपग्रह ब्लूबर्ड 6 को भारतीय रॉकेट एलवीएम3 द्वारा सफलतापूर्वक प्रक्षेपित करने के बाद मिशन कंट्रोल सेंटर में बोलते हुए श्री नारायणन ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने अब तक कुल 434 विदेशी उपग्रहों को कक्षा में स्थापित किया है।
साल 2025 को "उपलब्धियों और कामयाबी का साल" बताते हुए श्री नारायणन ने कहा, "2026 और भी ज़्यादा रोमांचक होगा।"उन्होंने कहा कि गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम के तहत पहला मानवरहित मिशन अगले वर्ष निर्धारित है और इसके लिए कार्य चल रहा है।
इसरो का पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी) रॉकेट भी एक अंतरिक्ष मिशन करेगा। स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (एसएसएलवी) परिचालन चरण में प्रवेश करेगा।
भारत के नेविगेशन उपग्रह पक्ष पर श्री नारायणन ने कहा कि सरकार ने आवश्यक मंजूरियां दे दी हैं और उपग्रहों का प्रक्षेपण किया जाएगा। इसरो अध्यक्ष ने यह भी कहा कि वर्ष 2025 में कुछ व्यावसायिक प्रक्षेपण मिशन भी होंगे।
इनके अलावा, सरकार ने भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी को शुक्र मिशन, चंद्रयान-4 और 5 तथा भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण के लिए मंजूरी दे दी है।
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