भोपाल, सितंबर 28 -- मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में रविवार को सेवा पर्व 2025 के अंतर्गत इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में "विकसित भारत के रंग, कला के संग" थीम पर पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में चित्रकला प्रतियोगिता का अवलोकन करने भोपाल सांसद आलोक शर्मा पहुँचे।

इस दौरान सांसद आलोक शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश विकसित भारत की ओर निरन्तर अग्रसर हो रहा है। इस प्रकार की कलात्मक गतिविधियाँ और अधिक सशक्त करती हैं। यह देखकर हर्ष होता है कि युवा और वरिष्ठ कलाकार समान उत्साह से इसमें भाग लेकर राष्ट्र निर्माण में योगदान दे रहे हैं।

श्री शर्मा ने कहा सेवा पर्व अंतर्गत आज यहां छात्र-छात्राओं, युवाओं और पेशेवर चित्रकारों ने जो चित्रकारी की है उसमें प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में पिछले 11 वर्षों में किए गए अभूतपूर्व कार्यों को प्रमुखता से दर्शाया है। चित्रकारों ने मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, सैन्य शक्ति, अंतरिक्ष की सफलता, वन्दे भारत, बुलेट ट्रेन, पर्यावरण और पॉवर सेक्टर के साथ ही विरासतों को भी अपनी कृति में स्थान दिया है।

सांसद आलोक शर्मा ने कहा भारतीय संस्कृति, कला और परंपराओं के संरक्षण तथा संवर्धन की दिशा में इस प्रतियोगिता का उद्देश्य न केवल कला के माध्यम से भारत की विकास यात्रा को प्रस्तुत करना है, बल्कि इसमें देशभर से कलाकारों की भागीदारी के माध्यम से एक विश्व कीर्तिमान स्थापित करने का भी संकल्प लिया गया है। सांसद शर्मा ने कहा कि स्वदेशी अभियान की अलख जगाकर प्रधानमंत्री जी ने देश को नई दिशा दी है।

इस प्रतियोगिता में देश के विभिन्न हिस्सों से 800 से अधिक कलाकारों ने अपनी सक्रिय भागीदारी दर्ज कराई। प्रतिभागियों ने कैनवास पर विकसित भारत की परिकल्पना, उसकी उपलब्धियों और सांस्कृतिक समृद्धि को जीवंत रूप से उकेरा। प्रतियोगिता स्थल पर रंगों और रचनात्मकता का अद्भुत संगम देखने को मिला, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

चित्रकला प्रतियोगिता में पद्मश्री सम्मानित गोंड चित्रकार श्रीमती दुर्गा बाई व्याम, डायरेक्टर, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, श्रीमती विद्या राकेश, वरिष्ठ चित्रकार वेंकट सिंह श्याम, प्रधान गोंड चित्रकार, डॉ. आनंद कांति बिश्वास, प्रख्यात प्रोफेसर एवं शिक्षाविद मोहम्मद रिजवान अहमद विशेष रूप से उपस्थित रहे।

संग्रहालय के निदेशक प्रो. अमिताभ पांडे ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक विविधता और कलात्मक परंपरा ही हमें विश्व पटल पर विशेष पहचान दिलाती है। यह पेंटिंग प्रतियोगिता न केवल कलाकारों के लिए एक मंच है, बल्कि यह हमारे विकसित होते राष्ट्र की कहानी को कला के माध्यम से संजोने और भविष्य पीढ़ी तक पहुँचाने का प्रयास भी है।

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