नयी दिल्ली , अक्टूबर 13 -- नई दिल्ली जिला पुलिस की साइबर थाना टीम ने सोशल मीडिया के माध्यम से ठगी करने वाले एक साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया है। आरोपी खुद को "ऑनलाइन तांत्रिक" बताकर लोगों की आस्था और डर का फायदा उठाते हुए ठगी कर रहा था। पुलिस ने आरोपी को राजस्थान के झुंझुनूं जिले से गिरफ्तार किया है।

पुलिस उपायुक्त देवेश कुमार महेला ने सोमवार को बताया कि आरोपी ने इंस्टाग्राम पर "एटदरेट अघोरी जी राजस्थान" नाम से फर्जी पेज बनाया हुआ था और एक नकली वेबसाइट चलाकर "स्पिरिचुअल हीलिंग" यानी झाड़-फूंक एवं तंत्र-मंत्र से समस्याओं के समाधान का झांसा देकर लोगों से पैसा ऐंठता था।

उपायुक्त ने बताया कि यह मामला चाणक्यपुरी निवासी मनीषा नवीन जिलौया की शिकायत से शुरू हुआ। उन्होंने बताया कि इंस्टाग्राम पर संपर्क करने पर आरोपी ने उन्हें यह विश्वास दिलाया कि उनके घर में "भूत-प्रेत बाधा" है। डर फैलाते हुए आरोपी ने कहा कि वह विशेष पूजा और तंत्र-विधि से यह बाधा दूर कर सकता है। पीड़िता ने झांसे में आकर 1.14 लाख रुपये आरोपी के बताए खातों में भेज दिए। पैसा मिलते ही आरोपी ने कॉल एवं मैसेज का जवाब देना बंद कर दिया।

इस पर प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की गई। जांच टीम में एसआई ललित शौकीन, एसआई अनुराग, एचसी मनोज और एचसी द्रोण शामिल थे।

तकनीकी विश्लेषण के दौरान पता चला कि पीड़िता के पैसे आरोपी झुंझुनूं, राजस्थान निवासी राहुल (20 ) के खातों में जमा हुए थे। इंस्टाग्राम अकाउंट से जुड़ा मोबाइल नंबर भी उसी के नाम पर रजिस्टर्ड था।

आरोपी लगातार अपना ठिकाना बदलकर गिरफ्तारी से बचने की कोशिश कर रहा था, लेकिन तकनीकी निगरानी और स्थानीय खुफिया इनपुट के आधार पर पुलिस ने नौ अक्टूबर को झुंझुनूं में दबिश देकर उसे गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया कि वह इंस्टाग्राम और वेबसाइट के जरिए तांत्रिक बनकर लोगों को डराकर ठगी करता था। वह पेड इंस्टाग्राम विज्ञापनों का इस्तेमाल कर अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचता था।

आरोपी ने कई फर्जी इंस्टाग्राम अकाउंट बनाए हुए थे, जिन पर वह तांत्रिक और काला जादू करने वाले "अघोरी" के रूप में खुद को दिखाता था। वह "ब्रेकअप प्रॉब्लम", "प्रेम विवाह", "पति-पत्नी विवाद", "ग्रह कलेश", "मनचाहा प्यार" और "सौतन से छुटकारा" जैसे झूठे दावे करता था।

वह पीड़ितों को डरा धमकाकर कहता था कि उन पर किसी ने तंत्र कराया" किया है, और इसे हटाने के लिए पूजा-पाठ कराएगा। भुगतान यूपीआई और परिवार के बैंक खातों के माध्यम से लिया जाता था। रकम मिलते ही आरोपी संपर्क तोड़ देता था।

पुलिस जांच में अब तक सामने आया है कि आरोपी 50 से अधिक लोगों को इसी तरह से ठग चुका है। इसके कब्जे से पुलिस ने अपराध में उपयोग तीन मोबाइल फोन, पांच सिम कार्ड, तीन डेबिट कार्ड, तीन चेक बुक और एक फर्जी वेबसाइट (ठगी में उपयोग की गई) बरामद की है।

उपायुक्त ने कहा कि यह मामला इस बात का उदाहरण है कि कैसे आस्था, डर और सोशल मीडिया के प्रभाव का इस्तेमाल कर अपराधी भोले-भाले लोगों को निशाना बना रहे हैं।

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