वलसाड , नवंबर 29 -- गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शनिवार को यहां कहा कि हम जहां हों, वहां श्रेष्ठ कार्य करके राज्य के विकास में आम आदमी के सुख-सुविधा के कार्यों में कार्यरत रहेंगे, तभी आत्मसंतोष मिलेगा।

श्री पटेल ने वलसाड जिले में धरमपुर स्थित श्रीमद् राजचंद्र आश्रम में 'सामूहिक चिंतन से सामूहिक विकास की ओर' थीम के साथ आयोजित 12वें चिंतन शिविर का आज समापन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिये गये 'विकसित भारतएट2047' के संकल्प में गुजरात को अग्रसर रखने का जो रोडमैप हमने लोगों के लिए 'अर्निंग वेल-लिविंग वेल' मंत्र के साथ तैयार किया है, उसे यह चिंतन शिविर 'थिंकिंग वेल-डूइंग वेल' के भाव से वैचारिक कलेवा प्रदान करेगा।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे कर्तव्यों तथा विभागों की जिम्मेदारी ऑनरशिप, पूर्ण समर्पण, दायित्व एवं लोक हित की प्रतिबद्धता के साथ निभायें। उन्होंने कहा," हम जहां हों, वहां अपना श्रेष्ठ कार्य निष्पादन देकर राज्य के विकास में आम आदमी के सुख-सुविधा के कार्यों में कार्यरत रहेंगे, तभी आत्मसंतोष मिलेगा। "उन्होंने इस संदर्भ में कहा कि केवल फाइल वर्क करके संतोष न मानते हुए नियमित रूप से फील्ड विजिट, स्थल पर उपस्थिति, वास्तविक समस्याओं का सूझ- बूझ से सामना करने की पहल वृत्ति और लोक हित एवं कल्याण के लिए संवेदना जगाकर कार्यक्षमता में अनेक गुना वृद्धि हो सकती है और हमारे द्वारा किये गये कार्यों के मूल्यांकन से विकास की सच्ची दिशा निर्धारित हो सकती है।

श्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2003 में अपने मुख्यमंत्रित्व काल में शुरू कराये गये चिंतन शिविर की उत्तरोत्तर सफलता में टीम गुजरात का परिश्रम और जन हित का सामूहिक चिंतन फलदायी रहा है। 2003 के प्रथम चिंतन शिविर में श्री मोदी ने प्रेरणा दी थी, "हमारा दृष्टिकोण एकीकृत हो, गांवों को गरीबी से बाहर निकालें और एक भी परिवार गरीबी रेखा से नीचे न रहे।"उन्होंने कहा कि आज जब भारत 21वीं शताब्दी की ओर अग्रसर है, तब इस शताब्दी को भारत की शताब्दी बनाने में हम सबकी ओर से कुछ योगदान होना चाहिए। यह केवल राजनीतिक या ऑफिशियल कार्यक्रम नहीं है, बल्कि मानवजाति के उत्थान का एक छोटा प्रयास है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 'जो कहना, वह करना' का मंत्र अपनाया है और यह बात साकार करते हुए वह करोड़ों लोगों को गरीबी रेखा से बाहर लेकर आये हैं तथा भारत तीसरी बड़ी आर्थिक महासत्ता बनने जा रहा है। गुजरात में हमने उनके दिशादर्शन में सर्वांगीण विकास की गति तेज बनाकर प्रतिव्यक्ति आय को पिछले ढाई दशक में 19823 रुपये से बढ़ाकर तीन लाख 22 हजार रुपये तक पहुंचाया है।

श्री पटेल ने तीन दिवसीय चिंतन शिविर के विभिन्न चर्चा सत्रों में हुए सामूहिक विचार-मंथन से मिले सुझावों पर वास्तविक क्रियान्वयन से सर्वांगीण विकास के लिए टीम स्पिरिट के साथ कार्यरत होने का मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कुपोषण के विरुद्ध सामूहिक अभियान शुरू करने का संकल्प व्यक्त किया। उन्होंने चिंतन शिविर में समूह चर्चाओं में आये विषयों पर हुए कामकाज के समय-समय पर मूल्यांकन और आगामी चिंतन शिविर में नयी ऊर्जा तथा अधिक ऊंचे विकास लक्ष्यों के साथ मिलने की अपेक्षा व्यक्त की।

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