लखनऊ , अक्टूबर 05 -- उत्तर प्रदेश के सहकारिता मंत्री जे.पी.एस. राठौर ने कहा कि सहकारिता नीति 2025 आमजन को सशक्त और समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
श्री राठौर रविवार को यहां सहकार भारती के बीपैक्स प्रकोष्ठ के प्रांतीय सम्मेलन में बोल रहे थे। सम्मेलन में सहकारिता को जन आंदोलन का स्वरूप देने का आह्वान किया गया। उन्होंने कहा कि देश में पहली बार केंद्र सरकार ने सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की है और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में सहकारिता क्षेत्र में ऐतिहासिक परिवर्तन हुए हैं।
उन्होंने कहा कि इस नीति के तहत सहकारी संस्थाओं को पारदर्शिता और दक्षता के साथ कार्य करने के लिए नई दिशा दी गई है। श्री राठौर ने कहा कि ''सहकारिता को जन-जन की सहकारिता बनाने के लिए राज्य में 2025 सहकारिता अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत केवल सितंबर माह में ही 30 लाख लोग जुड़ चुके हैं और 70 करोड़ रुपये की राशि जमा की जा चुकी है।''उन्होंने यह भी बताया कि अब तक एम-पैक्स के माध्यम से लाखों नए सदस्य जुड़े हैं और दूसरे चरण में 24 लाख नए सदस्यों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य सरकार द्वारा सहकारी समितियों को 10 लाख रुपये तक की ब्याजमुक्त सीमा दी गई है, जिसकी ब्याज पूर्ति सरकार कर रही है।
मुख्य वक्ता के रूप में सहकार भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. उदय जोशी ने कहा कि ''सहकारिता केवल आर्थिक सशक्तिकरण का माध्यम नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और ग्रामीण आत्मनिर्भरता का आधार भी है।'' उन्होंने कहा कि सहकारी संस्थाओं को गांव-गांव तक पहुंचाकर उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना जरूरी है।
सहकार भारती उप्र के अध्यक्ष डॉ. अरुण सिंह ने स्वागत भाषण में कहा कि ''बहुउद्देशीय सहकारी समितियां ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।'' उन्होंने सहकारी संस्थाओं के उत्थान के लिए 11 सूत्रीय मांग पत्र सहकारिता मंत्री को सौंपा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे यूपीसीबी अध्यक्ष जितेंद्र बहादुर सिंह ने सुझाव दिया कि क्षेत्रीय विधायक और सांसद अपनी निधि से कमजोर सहकारी समितियों की अधोसंरचना को सशक्त बनाने में सहयोग करें।
उन्होंने कहा कि ''मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सहकारिता मंत्री की सोच के अनुरूप आज सहकारिता के क्षेत्र में ठोस काम हो रहा है।''बीपैक्स के राष्ट्रीय प्रमुख राज दत्त पांडेय ने सहकारिता को जन आंदोलन बनाने का आह्वान किया और कहा कि ''हर गांव में सहकारी भावना को पुनर्जीवित करना समय की आवश्यकता है।'' कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और मां भारती के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। मंचासीन अतिथियों द्वारा स्मारिका का विमोचन भी किया गया।
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