चंडीगढ़ , दिसंबर 24 -- पंजाब भारतीय जनता पार्टी के महासचिव अनिल सरीन ने बुधवार को कहा कि राज्य के वित्त मंत्री हरपाल चीमा द्वारा पंजाब में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व में 16 प्रतिशत वृद्धि के दावे केवल आंकड़ों की हेराफेरी और जनता के साथ धोखा हैं।
श्री सरीन ने कहा कि अप्रैल से नवंबर तक 17,860 करोड़ रुपये का संग्रहण दिखाकर आम आदमी पार्टी पंजाब की जनता को मूर्ख समझ रही है। हकीकत यह है कि व्यापारियों के जीएसटी रिफंड जानबूझकर महीनों से रोके गये हैं, मई से लेकर आज तक फाइलें धूल खा रही हैं और सरकार झूठा राजस्व दिखाकर अपनी नाकामी छिपा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि जीएसटी विभाग को हर व्यापारी पर चार-चार निरीक्षण और हर महीने लगभग 100 करोड़ रुपये की लक्षित वसूली के आदेश दिये गये हैं। अधिकारियों द्वारा पेनल्टी के नाम पर धमकियां, नोटिसों की बौछार और स्टेट इंटेलिजेंस के इस्तेमाल के जरिए व्यापारियों को दबाने की नीति अपनायी जा रही है।
श्री सरीन ने कहा कि सरकार ने खुद स्वीकार किया है कि स्टेट इंटेलिजेंस के माध्यम से हुई कलेक्शन 321 करोड़ से बढ़कर 618 करोड़ रुपये हो गई है। यह साफ साबित करता है कि डराकर, धमकाकर और घुटने टेकने पर मजबूर करके पैसा निकाला जा रहा है, जिसे किसी भी सूरत में टैक्स सुधार नहीं कहा जा सकता।
भाजपा नेता ने सीधा सवाल किया कि यदि वास्तव में राजस्व बढ़ रहा है, तो फिर शिक्षकों, स्वास्थ्य कर्मचारियों, नेशनल हेल्थ मिशन के कर्मचारियों, अर्बन बॉडीज़ के कर्मचारियों और पेंशनरों को अपने वेतनों और पेंशनों के लिए सड़कों पर क्यों उतरना पड़ रहा है? यह साबित करता है कि पंजाब का खजाना खाली है और सरकार पूरी तरह विफल हो चुकी है।
श्री सरीन ने कहा कि एक तरफ आम आदमी पार्टी 'ईज़ ऑफ बिज़नेस' के झूठे दावे कर रही है और दूसरी तरफ व्यापारियों की वर्किंग कैपिटल जब्त कर उन्हें कारोबार बंद करने की ओर धकेला जा रहा है। इसका नतीजा काले धंधे, गैरकानूनी लेन-देन और आर्थिक अराजकता के रूप में सामने आएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी आम आदमी पार्टी सरकार की होगी।
श्री सरीन ने कहा कि आम आदमी पार्टी के जीएसटी आंकड़े पूरी तरह फर्जीवाड़े, जबरदस्ती और धोखे पर आधारित हैं। उन्होंने कहा कि व्यापारियों के रिफंड बिना देरी तत्काल जारी किये जायें।
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