नयी दिल्ली , अक्टूबर 11 -- कांग्रेस ने मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर हुए हमले और हरियाणा में आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार के उत्पीड़न और आत्महत्या के विरोध में शनिवार को यहां प्रदर्शन किया जिसके कारण बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया।

कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष राजेंद्र पाल गौतम ने प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर हुए हमले और हरियाणा में जातिगत उत्पीड़न से परेशान आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के विरोध में कार्यकर्ताओं ने आज देशभर में प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि इसी कड़ी में उनके संगठन के कार्यकर्ताओं ने यहां अम्बेडकर भवन से मार्च निकाला जिसमें बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया और सरकार विरोधी नारे लगाये।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के साथ ही विभिन्न प्रदेशों में दलित उत्पीड़न के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। उनका कहना था कि कांग्रेस पार्टी समाज के वंचित और कमजोर तबकों के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक हर भारतीय के अधिकारों को पूरी तरह से सुरक्षा नहीं मिल जाती।

श्री गौतम ने कहा कि उनका प्रतिनिधि मंडल दलित उत्पीड़न के मामले में सरकार को ज्ञापन देने जाना चाहता है लेकिन उनको रोका जा रहा है और उन्हें तथा उनके साथियों को हिरासत में लिया जा रहा है। उनके मूलभूत अधिकारों का हनन किया जा रहा है। उन्होंने भाजपा सरकार को जातिवादी करार दिया और कहा कि भाजपा तानाशाही कर रही है और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को ज्ञापन देने से रोक रही है।

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