लखनऊ , अक्टूबर 14 -- लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) की महत्वाकांक्षी आईटी सिटी योजना में भूमि देने वाले किसानों को जल्द ही विकसित भूखण्ड मिलने जा रहे हैं। एलडीए ने घोषणा की है कि लैंड पूलिंग करने वाले किसानों को निःशुल्क विकसित भूखण्ड लॉटरी प्रणाली से आवंटित किए जाएंगे। जिसके लिए नवंबर माह के अंत तक लॉटरी का आयोजन किया जाएगा।
मंगलवार को योजना स्थल का निरीक्षण करते हुए एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने विकास कार्यों की प्रगति का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि किसानों को प्राथमिकता के आधार पर भूखण्ड दिए जाएंगे ताकि उनके योगदान का सम्मान हो सके।
आईटी सिटी योजना अब तेजी से आकार ले रही है। यह योजना सुल्तानपुर रोड और किसान पथ से सीधे जुड़ी होगी तथा इसमें कुल 10 सेक्टर विकसित किए जा रहे हैं। उपाध्यक्ष ने बताया कि परियोजना 2,660 एकड़ क्षेत्रफल में फैली होगी, जिसमें मोहनलालगंज तहसील के 11 गांवों बक्कास, सोनई कंजेहरा, सिकंदरपुर अमोलिया, सिद्धपुरा, परेहटा, पहाड़नगर टिकरिया, रकीबाबाद, मोहारी खुर्द, मोहारी कला, खुजौली और भटवारा की जमीन ली जा रही है।
अब तक 117 किसानों ने 550 बीघा से अधिक भूमि लैंड पूलिंग के तहत दी है, जिनमें से लगभग 70 बीघा भूमि के समझौते (एग्रीमेंट डीड) साइन हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि आईटी सिटी योजना में 72 से 200 वर्गमीटर आकार के लगभग 10,000 भूखण्ड तैयार किए जाएंगे। इसके अलावा बड़े भूखण्डों पर ग्रुप हाउसिंग और व्यावसायिक परियोजनाएं भी विकसित की जाएंगी। योजना में 400 एकड़ औद्योगिक क्षेत्र और 200 एकड़ वाणिज्यिक क्षेत्र आरक्षित रहेगा ताकि निजी निवेश को बढ़ावा मिल सके।
योजना में 200 एकड़ ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में एक आधुनिक गोल्फ सिटी बनाई जाएगी। साथ ही 15 एकड़ में फैली वाटर बॉडी योजना को पर्यावरण के अनुकूल बनाएगी।वहीं किसान पथ से योजना के मध्य तक 2 किलोमीटर लंबी कनेक्टिंग रोड लगभग 5 करोड़ रुपये की लागत से बनाई जाएगी, जिसका टेंडर जारी हो चुका है। इसके अलावा 10 किलोमीटर लंबा रोड नेटवर्क का निर्माण कार्य भी शुरू हो गया है।
संयुक्त सचिव सुशील प्रताप सिंह ने कहा कि यह लैंड पूलिंग के तहत भूमि देने का अंतिम अवसर है। इसके बाद भूमि अर्जन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उन्होंने बताया कि जो किसान अपनी पूरी जमीन निःशुल्क देंगे, उन्हें योजना में ही 25 प्रतिशत विकसित भूखण्ड मिलेगा, जिसकी कीमत कई गुना अधिक होगी। एलडीए का लक्ष्य आईटी सिटी को एक स्मार्ट, पर्यावरण-अनुकूल और निवेश आकर्षित करने वाला मॉडल टाउनशिप के रूप में विकसित करना है।
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