वाराणसी , नवंबर 24 -- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) का भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) चयनित टेक स्टार्टअप्स और शोध परियोजनाओं को लगभग पांच करोड़ रुपये की अनुदान देगा।
संस्थान यह अनुदान अपने आई-डीएपीटी हब फाउंडेशन के माध्यम से देगा। यह वित्तीय सहायता कृषि, स्वास्थ्य, रक्षा, दूरसंचार, ऊर्जा, शिक्षा, वित्त और ड्रोन तकनीक जैसे प्रमुख क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा देने तथा व्यावसायिक रूप से उपयोगी नयी प्रौद्योगिकियों के विकास को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रदान की जा रही है। इस पहल से पूर्वांचल सहित पूरे क्षेत्र में नवाचार और उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूती मिलेगी।
हब के परियोजना निदेशक प्रो. आर.एस. सिंह ने बताया कि जुलाई 2025 में शुरू किए गये स्टार्टअप इनक्यूबेशन कार्यक्रम के तहत देशभर से 136 आवेदन प्राप्त हुए थे। कठोर मूल्यांकन प्रक्रिया के बाद 22 स्टार्टअप्स का चयन किया गया। इसी तरह आई-डीएपीटी वेबसाइट पर जारी 'कॉल फॉर रिसर्च प्रपोज़ल' के तहत आए 21 आवेदनों में से 12 शोध परियोजनाएं चुनी गयीं।
इन चयनित 22 स्टार्टअप्स और 12 शोध परियोजनाओं को मिलाकर कुल लगभग पांच करोड़ रुपये की अनुदान राशि प्रदान की जाएगी।
उन्होंने बताया कि नवप्रवर्तकों और शोधकर्ताओं के लिए 'कॉल फॉर रिसर्च प्रपोज़ल' तथा चाणक्य फेलोशिप के तहत आवेदन प्रक्रिया खुली है। साथ ही, 12 नवंबर से शुरू नए कोहोर्ट में प्रत्येक योग्य स्टार्टअप को अब एक करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता देने की सीमा निर्धारित की गयी है।
आईआईटी बीएचयू के निदेशक प्रो. अमित पत्रा ने कहा कि आई-डीएपीटी हब फाउंडेशन का मुख्य उद्देश्य 'मेक इन इंडिया', 'विकसित भारत' और 'आत्मनिर्भर भारत' जैसे राष्ट्रीय अभियानों के अनुरूप एक सशक्त नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना है।
आई-डीएपीटी हब फाउंडेशन ने डॉ. एकता कपूर, सुश्री रजनी कुशवाहा तथा एनएम-आईसीपीएस, डीएसटी टीम के सतत मार्गदर्शन और सहयोग के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया है। यह फाउंडेशन राष्ट्रीय मिशन ऑन इंटरडिसिप्लिनरी साइबर-फिजिकल सिस्टम्स (एनएम-आईसीपीएस), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित है।
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