कानपुर, सितंबर 30 -- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के स्टार्टअप इनक्यूबेशन और इनोवेशन सेंटर (एसआईआईसी) ने 500 से अधिक स्टार्टअप्स को इनक्यूबेट करके देश में आईआईटी द्वारा संचालित पहले इनक्यूबेटरों में से एक बनने का गौरव प्राप्त किया है।
वर्ष 2000 में सिडबी के सहयोग से स्थापित, एसआईआईसी आज देश के सबसे प्रभावशाली और लंबे समय तक चलने वाले टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेटरों में से एक है, जो नवाचार, उद्यमिता और बाजार के लिए तैयार समाधानों को बढ़ावा देता है, जो उद्योगों और समुदायों को बदल रहे हैं।
इस उपलब्धि का जश्न फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड रिसर्च इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी (फर्स्ट), आईआईटी कानपुर के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मौजूदगी में मनाया गया। इसमें आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल, उप निदेशक प्रो. ब्रज भूषण, प्रो. तरुण गुप्ता, डीन (रिसर्च एंड डेवलपमेंट), प्रो. दीपू फिलिप, प्रोफेसर-इन-चार्ज, एसआईआईसी, श्रीकांत शास्त्री, चेयरमैन, जियोस्पेशियल डेटा प्रमोशन एंड डेवलपमेंट कमेटी; अनुराग सिंह, सीईओ, एसआईआईसी और पीयूष मिश्रा, सीओओ और सीएफओ, एसआईआईसी शामिल थे।
प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने कहा, " 500 से अधिक स्टार्टअप्स को इनक्यूबेट करने का लक्ष्य हासिल करना आईआईटी कानपुर की नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। एसआईआईसी के माध्यम से हम अनुसंधान और वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों के बीच के फासले को कम कर रहे हैं, जिससे उद्यमियों को महत्वपूर्ण समाधान बनाने में मदद मिल रही है। यह उपलब्धि भारत के नवाचार पारिस्थिति की तंत्र में परिवर्तनकारी बदलाव के लिए उत्प्रेरक के रूप में हमारी भूमिका को और मजबूत करती है।"उन्होने कहा कि एसआईआईसी का प्रभाव आज केवल इनक्यूबेशन तक सीमित नहीं है। इसके स्टार्टअप्स ने कुल मिलाकर लगभग 12 हजार करोड़ रुपये की वैल्यूएशन हासिल की है, जो उनकी बाजार में विश्वसनीयता को दर्शाता है। एसआईआईसी ने 150 से अधिक महिला-नेतृत्व वाले स्टार्टअप्स को बढ़ावा दिया है, जो समावेशी उद्यमिता के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को दिखाता है।
निदेशक ने कहा "एसआईआईसी द्वारा समर्थित शीर्ष 253 स्टार्टअप्स, जो भारत के 22 राज्यों में मौजूद हैं, अब तक 10,829 से अधिक कुशल और अकुशल नौकरियाँ उत्पन्न की हैं। यह एसआईआईसी की आर्थिक और सामाजिक विकास में बड़े योगदान को दर्शाता है।"प्रो. दीपू फिलिप ने कहा, "यह उपलब्धी हमारे स्टार्टअप्स की दृढ़ता और नवाचार को दर्शाती है। एसआईआईसी में हमारा लक्ष्य हमेशा से मेंटरशिप, फंडिंग, बुनियादी ढांचे और नेटवर्क का सही मिश्रण प्रदान करना रहा है, ताकि डीप-टेक उद्यमी तरक्की कर सकें। यह एक आईआईटी-नेतृत्व वाले इनक्यूबेटर की पहली ऐसी उपलब्धियों में से एक है, जो हमारे द्वारा बनाए गए जीवंत पारिस्थिति की तंत्र का प्रमाण है।"एसआईआईसी के कई स्टार्टअप्स ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। ऑफग्रिड एनर्जी लैब्स ने अपनी जिंक-ब्रोमीन आधारित बैटरी सिस्टम (जिनजेल) के विस्तार के लिए 15 मिलियन डॉलर की सीरीज ए फंडिंग जुटाई है।
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