कानपुर , दिसंबर 2 -- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर और एनएमडीसी लिमिटेड, इस्पात मंत्रालय के अंतर्गत नवरत्न पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज ने मिलकर एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।

इसका उद्देश्य साइबरसिक्योरिटी, इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), मशीन लर्निंग (एमएल), डिजिटल ट्रॉसफॉर्मेशन और अगली पीढ़ी की तकनीकों पर मिलकर काम करना है, जिससे एमएमडीसी के आईटी और ओटी सिस्टम्स को और मजबूत और सक्षम बनाया जा सके।

एनएमडीसी लिमिटेड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन) सत्येन्द्र राय और आईआईटी कानपुर के अनुसंधान एवं विकास डीन ने एमओयू पर हस्ताक्षर किये। इस अवसर पर आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, प्रोजेक्ट लीड्स, तथा एनएमडीसी और आई-हब नितिहॉक फाउंडेशन के अधिकारी मौजूद रहे।

इस समझौते के तहत, आईआईटी कानपुर का सी3आईहब एनएमडीसी को साइबर रिस्क असेसमेंट, सुरक्षा खामियों की पहचान, सुरक्षा प्रबंधन, घटना प्रतिक्रिया योजना और सिक्योरिटी ऑपरेशंस सेंटर मॉडल के मानकों को मजबूत करने में सहायता करेगा। साथ ही, एआई/एमएल आधारित समाधान, डिजिटल ट्विन्स, प्रेडिक्टिव मेंटेनेंस और एडवांस्ड डेटा एनालिटिक्स के माध्यम से खनन क्षेत्रों में परिचालन दक्षता बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे।

प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने कहा, " आईआईटी कानपुर में हमारे पास साइबर सुरक्षा और एआई के क्षेत्र में राष्ट्रीय महत्व की चुनौतियों पर कार्य करने का अच्छा अनुभव है। यह साझेदारी एनएमडीसी के संचालन में साइबर सुरक्षा को और मजबूत करेगी तथा एआई, मशीन लर्निंग और स्मार्ट इंडस्ट्रियल सिस्टम्स के विकास को प्रोत्साहित करेगी, विशेषकर खनन क्षेत्र में।"आईआईटी कानपुर और एनएमडीसी मिलकर अनुसंधान, क्षमता निर्माण कार्यक्रम और तकनीकी पायलट परियोजनाएं चलाएंगे। सफल परिणामों को बड़े स्तर पर लागू करने की दिशा में भी कदम उठाए जाएंगे। यह सहयोग भारत के खनन क्षेत्र में साइबर सुरक्षा और डिजिटल परिवर्तन को नई दिशा देने वाला महत्वपूर्ण कदम है।

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