भीलवाड़ा , दिसम्बर 24 -- राजस्थान की जीवनरेखा मानी जाने वाली अरावली पर्वतमाला के संरक्षण को लेकर जन चेतना जन अधिकार संस्था, भीलवाड़ा ने बुधवार को यहां प्रदर्शन करके जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।

संस्था के पदाधिकारी ने बुधवार को बताया कि ज्ञापन में उच्चतम न्यायालय द्वारा हाल ही में 100 मीटर से कम ऊंची पहाड़ियों को अरावली क्षेत्र की नयी गणना में शामिल किए जाने संबंधी निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया गया है।

संस्था ने कहा है कि स्पष्ट और कठोर संरक्षण व्यवस्था के अभाव में इस निर्णय की गलत व्याख्या हो सकती है, जिससे अवैध खनन और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने की गंभीर आशंका है।

प्रदर्शन के दौरान महेश सोनी और मधु जाजू ने बताया कि अरावली राजस्थान को मरुस्थलीकरण से बचाने वाली प्राकृतिक ढाल है। इसका क्षरण हुआ तो इसके घातक परिणाम होंगे।

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