अलवर , दिसम्बर 24 -- राजस्थान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निष्कासित और अलवर जिले के रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने अरावली पर्वतमाला के विनाश के लिये पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और भाजपा सरकार में रही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को जिम्मेदार ठहराया है।

श्री आहूजा ने अलवर सर्किट हाउस में बुधवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि अरावली की बर्बादी का दोष तय किया जाये, तो उसमें 75 प्रतिशत जिम्मेदारी अशोक गहलोत और 25 प्रतिशत वसुंधरा राजे की है। उन्होंने कहा कि श्रीमती राजे भले ही भाजपा की नेता हों, लेकिन उन्होंने भी अपने दोनों कार्यकाल में अवैध खनन, पट्टे और लीज देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जयपुर में बनी कई इमारतों को मान्यता देना भी उसी नीति का हिस्सा रहा। यहअलग विषय हो सकता है, लेकिन जिम्मेदारी से इन्कार नहीं किया जा सकता।

उन्होंने कहा, " अलवर जिले में अरावली की हत्या, अवैध खनन और 52 जलाशय, सरोवर, झील एवं बावड़ियों पर अवैध कब्जों के लिए नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और उन्हें संरक्षण देने वाले भंवर जितेंद्र सिंह जिम्मेदार हैं।" श्री आहूजा ने कहा कि इन दोनों के संरक्षण में सिलीसेढ़ झील, जयसमंद और अन्य जल स्रोतों पर अवैध होटल एवं कब्जे किये गये और जिले का कोई भी सरोवर नहीं छोड़ा गया।

पूर्व विधायक ने चेतावनी देते हुए कहा कि अरावली को नहीं बचाया गया तो आने वाले 10 वर्षों में राजस्थान के हर जिले में रेगिस्तान फैल जाएगा, और इसका असर दिल्ली, हरियाणा और पंजाब तक पहुंचेगा। श्री आहूजा ने एलान किया कि अब वह सरकार के खिलाफ अरावली को बचाने के लिए आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा जाति, धर्म, से ऊपर है और इसका संबंध प्रकृति, जल, जीव-जंतुओं और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य से है।

श्री आहूजा ने अलवर जिले के भाजपा नेताओं पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि कोई भी भाजपा नेता अरावली के मुद्दे पर क्यों नहीं बोल रहा, क्या उन्हें कोई पीड़ा नहीं है।

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