नयी दिल्ली, सितंबर 26 -- सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में अमेरिका गये भारतीय प्रतिनिधिमंडल की वहां के अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते की दिशा में रचनात्मक बातचीत हुई और दोनों पक्षों ने निर्णय तक शीघ्र पहुंचने के लिए बातचीत जारी रखने का फैसला किया है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने यहां जारी एक बयान में कहा कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने 22-24 सितंबर तक अपने दौरे में वहां अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर और भारत के लिए नामित अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर के साथ बैठकें कीं।
बयान में कहा गया है, "प्रतिनिधिमंडल ने समझौते के विभिन्न पहलुओं पर अमेरिकी सरकार के साथ रचनात्मक बैठकें कीं। दोनों पक्षों ने समझौते की संभावित रूपरेखा पर विचारों का आदान-प्रदान किया और पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते पर शीघ्र निष्कर्ष निकालने के उद्देश्य से बातचीत जारी रखने का निर्णय लिया गया।"भारतीय दल ने द्विपक्षीय व्यापार से जुड़े मामलों पर अमेरिकी अधिकारियों के साथ बैठकों के अलावा, द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका की कई प्रमुख कंपनियों और निवेशकों के साथ बातचीत की। बयान में कहा गया है कि व्यवसायों और निवेशकों का रुख सकारात्मक है। वहां के कार्पोरेट जगत के नेताओं ने भारत की विकास यात्रा में विश्वास व्यक्त किया और भारत में अपनी व्यावसायिक गतिविधियों को और तेज करने की इच्छा व्यक्त की।
इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने विदेशी सामानों पर आयात शुल्क बढ़ाने का सिलसिला जारी रखते हुए ब्रांडेड और पेटेंट प्राप्त दवाओं पर 100 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने की घोषणा की है। यह फैसला पहली अक्टूबर से लागू होगा, लेकिन अमेरिका में विनिर्माण संयंत्र लगाने वाली दवा कंपनियों को इससे छूट मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि भारत से बड़ी मात्रा में अमेरिका को दवाओं का निर्यात होता है। अमेरिका में अधिकांश सस्ती और जेनेरिक दवाएं भारत से ही जाती है।
इससे पहले अमेरिका ने भारत के माल पर अगस्त के शुरू में 25 प्रतिशत का शुल्क लगाया था और रूस के खिलाफ कच्चे तेल की खरीद के दंड स्वरूप इसे 27 अगस्त से दोगुना कर 50 प्रतिशत कर दिया है।
श्री गोयल के नेतृत्व में भारतीय दल की अमेरिका यात्रा से इसी माह अमेरिका के सहायक व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच के नेतृत्व में आये अमेरिका व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय के एक दल की 16 सितंबर को नयी दिल्ली में वाणिज्य विभाग के अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक हुई थी। इसमें भारतीय दल का नेतृत्व वाणिज्य विभाग में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल ने किया था।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय तथा नयी दिल्ली में भारतीय दूतावास ने अगल-अलग विज्ञप्ति जारी कर उस बातचीत को "सकारात्मक और भविष्योन्मुखी" बताते हुए कहा था कि दोनों पक्षों ने समझौते के लिए बातचीत में तेजी लाने का फैसला किया है।
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