नयी दिल्ली , दिसंबर 25 -- अमेरिका तथा यूरोपीय संघ (ईयू) के बाजार के लिए निर्यात में तेज़ बढ़ोतरी की बदौलत इस वर्ष नवंबर में देश के इंजीनियरिंग निर्यात में 23.76 प्रतिशत की तेज वृद्धि दर्ज की गयी।

भारतीय इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद (ईईपीसी-इंडिया) के गुरुवार को जारी एक विश्लेषण के मुताबिक नवंबर के आंकड़ों में सुधार यूरोप और अमेरिकी बाजारों में निर्यात में तेजी के साथ साथ एक साल पहले के तुलनात्मक निम्न आधार के प्रभाव का भी हाथ है। अक्टूबर में इंजीनियरिंग वस्तुओं का निर्यात एक साल पहले की तुलना में 17 प्रतिशत घटकर 9.37 अरब डॉलर के चालू वित्त वर्ष के न्यूनतम स्तर पर आ गया था। नवंबर 2025 में यह बढ़ कर 11.01 अरब डॉलर हो गया, जो इस वित्त वर्ष का अब तक का सर्वोच्च मासिक स्तर है। यह नवंबर 2024 के 8.90 अरब डॉलर की तुलना में 23.76 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर्शाता है।

ईईपीसी इंडिया (ईईपीसी इंडिया) के चेयरमैन पंकज चड्ढा ने कहा, "नवंबर 2025 में इंजीनियरिंग निर्यात ने चालू वित्त वर्ष में पहली बार 11 अरब डॉलर का आंकड़ा पार किया है। यह निर्यातक समुदाय के अथक प्रयासों का प्रमाण है, जिसने अक्टूबर 2025 में 17 प्रतिशत सालाना गिरावट के बाद तेज़ी से स्थिति में सुधार किया है। इंजीनियरिंग निर्यात की वृद्धि कहानी वैश्विक व्यापार में सकारात्मक रुझान को दर्शाती है।"हाल ही में प्रकाशित अंकटाड ( व्यापार एवं विकास पर संयुक्तराष्ट्र संगठन) के व्यापार के रुझानों पर जारी -ट्रेड अपडेट के अनुसार, 2025 की दूसरी छमाही में वस्तुओं और सेवाओं के वैश्विक व्यापार में वृद्धि जारी रही और इसके 2024 की तुलना में लगभग 7 प्रतिशत बढ़कर पहली बार 35000 अरब अमेरिकी डॉलर को पार करने की उम्मीद है।

ईईपीसी इंडिया के अध्यक्ष ने केंद्र सरकार द्वारा हाल में निर्यात संवर्धन मिशन (निर्यात संवर्धन मिशन) को मंज़ूरी दिए जाने की सराहना करते हुए यह भी कहा कि ओमान और न्यूज़ीलैंड के साथ हाल में संपन्न व्यापार समझौते इंजीनियरिंग निर्यात को और गति देंगे।

उन्होंने कहा, "हमें पूरी उम्मीद है कि यूरोपीय संघ के साथ प्रस्तावित एफटीए और अमेरिका के साथ प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौता (द्विपक्षीय व्यापार समझैते) भी हमारे लिए सहायक साबित होंगे। कुल मिलाकर वैश्विक और घरेलू व्यापार दोनों में सकारात्मक संकेत हैं।'ईईपीसी ने कहा है कि भारत से निर्यात की जाने वाली 34 उत्पाद श्रेणियों में से 32 के नवंबर के निर्यात में में साल-दर-साल आधार पर अधिक निर्यात दर्ज किया। इस दौरान 'मोटर वाहन/कारें', 'जहाज़, नौकाएँ और तैरते ढांचे', 'कृषि, डेयरी आदि के लिए औद्योगिक मशीनरी', 'विद्युत मशीनरी एवं उपकरण' तथा 'तांबा और तांबे से बने उत्पाद' जैसे खंडों का प्रदर्शन विशेष रूप से अच्छा रहा।

ईईपीसी इंडिया के अनुसार अमेरिका और यूरोपीय संघ भारत के निर्यात के लिए दो प्रमुख बाजार हैं, जहां निर्यात में नवंबर में उल्लेखनीय उछाल देखा गया। जहां सितंबर और अक्टूबर 2025 में अमेरिका को इंजीनियरिंग निर्यात में क्रमशः 9.4 प्रतिशत और 14.5 प्रतिशत की सालाना गिरावट तथा नवंबर 2024 में 11.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी। इसी तरह यूरोपीय संघ को इंजीनियरिंग निर्यात भी पिछले दो महीनों की गिरावट के बाद नवंबर में 39 प्रतिशत बढ़ा।

नवंबर 2025 में अमेरिका को इंजीनियरिंग वस्तुओं का निर्यात 1.58 अरब डॉलर रहा, जबकि नवंबर 2024 में यह 1.42 अरब डॉलर था। इसी तरह, यूरोपीय संघ को निर्यात नवंबर 2025 में 2.02 अरब डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष इसी महीने में 1.46 अरब डॉलर था।

क्षेत्रवार देखें तो उत्तर अमेरिका और यूरोपीय संघ भारतीय इंजीनियरिंग निर्यात के लिए शीर्ष दो क्षेत्र बने रहे। नवंबर 2025 में सभी क्षेत्रों में निर्यात वृद्धि दर्ज की गई।

देशवार आधार पर अमेरिका शीर्ष गंतव्य रहा, इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात और जर्मनी का स्थान रहा। हालांकि नवंबर 2025 में यूएई को निर्यात में सालाना आधार पर गिरावट दर्ज की गई। सऊदी अरब को निर्यात में भी कमी देखी गई।

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