मुरैना , दिसंबर 19 -- महान क्रांतिकारी कवि एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर शहीद पंडित रामप्रसाद बिस्मिल के शहादत दिवस पर शुक्रवार को डाइट मुरैना में जिला स्तरीय गरिमामय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में कलेक्टर जांगिड़ द्वारा मुरैना स्थित शहीद पं. रामप्रसाद बिस्मिल की प्रतिमा स्थल पर ध्वजारोहण किया गया। इस अवसर पर पुलिस बल द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया। तत्पश्चात शहीद की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। श्रद्धांजलि कार्यक्रम के दौरान तोपों की सलामी दी गई तथा पुष्पवर्षा के माध्यम से अमर शहीद को नमन किया गया।
इसके उपरांत कलेक्टर लोकेश जांगिड़ द्वारा शहीद पं. रामप्रसाद बिस्मिल की स्मृति में प्रज्वलित मशाल को अम्बाह एवं बरवाई के लिए विधिवत रूप से रवाना किया गया। कार्यक्रम में सीईओ जिला पंचायत कमलेश कुमार भार्गव, अपर कलेक्टर अश्विनी कुमार रावत, एसडीएम मुरैना सहित संबंधित जिला अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
अपने संबोधन में कलेक्टर श्री जांगिड़ ने शहीद बिस्मिल की अमर पंक्तियों "सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-क़ातिल में है" का उल्लेख करते हुए कहा कि इन पंक्तियों ने केवल उस दौर के नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लाखों युवाओं को स्वतंत्रता संग्राम के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि कुछ रचनाएँ पीढ़ियों तक ऊर्जा, साहस और राष्ट्रप्रेम का संचार करती हैं और बिस्मिल जी का साहित्य इसका श्रेष्ठ उदाहरण है।
कलेक्टर ने कहा कि पं. रामप्रसाद बिस्मिल केवल क्रांतिकारी ही नहीं, बल्कि महान कवि, बहुभाषी विद्वान और व्यापक दृष्टिकोण वाले चिंतक थे। उन्हें हिंदी, उर्दू, अंग्रेज़ी सहित अनेक भाषाओं का ज्ञान था। उन्होंने बांग्ला साहित्य का अनुवाद किया और 'अमेरिकी क्रांति' पर भी पुस्तक लिखी। अशफाक उल्ला खान के साथ उनकी गहरी मित्रता का उल्लेख करते हुए कलेक्टर ने कहा कि फांसी के अंतिम क्षण तक वे वैचारिक रूप से एक-दूसरे से जुड़े रहे।
उन्होंने बताया कि 'बिस्मिल' उपनाम स्वयं यह संदेश देता है कि राष्ट्रप्रेम जाति, धर्म और संप्रदाय से ऊपर होता है। विद्यार्थियों को संकीर्ण सोच से बाहर निकलकर व्यापक और समग्र दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। कलेक्टर ने विद्यालयों में प्रतिदिन राष्ट्रगान के अनिवार्य गायन पर बल देते हुए कहा कि राष्ट्रगान में भारत की भौगोलिक और सांस्कृतिक एकता समाहित है, जिससे बच्चों में राष्ट्रबोध विकसित होता है।
उन्होंने 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' कार्यक्रम का उल्लेख करते हुए कहा कि छात्र विनिमय कार्यक्रमों से विभिन्न संस्कृतियों को समझने का अवसर मिलता है। साथ ही उन्होंने कहा कि मुरैना जिले के लिए यह गर्व का विषय है कि शहीद रामप्रसाद बिस्मिल की पारिवारिक जड़ें इसी भूमि से जुड़ी रही हैं।
इस अवसर पर "पं. रामप्रसाद बिस्मिल - क्रांतिकारी कवि एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी" विषय पर आयोजित जिला स्तरीय निबंध लेखन प्रतियोगिता के परिणाम भी घोषित किए गए। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान गौरी गुप्ता, कक्षा 12वीं, शासकीय कन्या उमावि पोरसा को मिला। द्वितीय स्थान दिव्यांशी शर्मा, कक्षा 10वीं, शासकीय सांदीपनी उमावि अम्बाह, तृतीय स्थान प्राची तोमर, कक्षा 12वीं, शासकीय उत्कृष्ट उमावि मुरैना को प्राप्त हुआ। चतुर्थ स्थान अंशिका शर्मा, कक्षा 12वीं, शासकीय उमावि सहरैयन का पुरा तथा पंचम स्थान तपस्या परमार, कक्षा 10वीं, शासकीय जीडी जैन उमावि मुरैना ने अर्जित किया।
कार्यक्रम के अंत में चयनित छात्राओं को पुरस्कार स्वरूप क्रमशः 11 हजार, 7 हजार, 5 हजार, 2100 और 1100 रुपये के चेक तथा प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। अधिकारियों ने सभी प्रतिभागियों को उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
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