अमरोहा, दिसंबर 29 -- उत्तर प्रदेश के अमरोहा में रासायनिक कारखानों से निकले अपशिष्ट के कारण भूजल व वायु प्रदूषण से पीड़ित किसानों के समर्थन में भाकियू (संयुक्त मोर्चा) के बैनर तले शहबाजपुर डोर में नौवें दिन भी धरना जारी रहा। किसानों ने भूजल प्रदूषण पीड़ितों के साथ एकजुटता दिखाते हुए नए साल का जश्न न मनाने का फैसला लिया और लोगों से भी नव वर्ष पर खुशी का इज़हार न करने की अपील की है।

भाकियू संयुक्त मोर्चा प्रमुख सचिव अरुण सिद्धू ने आशंका जताई है कि यदि हवा, पानी व मिट्टी को समय रहते शुद्ध नहीं किया गया तो मानव स्वास्थ्य, फेफड़े, दुग्ध उत्पादन, आम सहित अन्य फसलों की उत्पादकता सब प्रभावित होंगे। उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि प्रदूषण जांच व जवाबदेही न तय होने से स्पष्ट है कि गजरौला 'विकसित नरक' बन चुका है, जहां विरोध वर्जित है। अंग्रेजों के नमक टैक्स की तरह आज एयर व वाटर प्यूरीफायर पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाकर शुद्ध हवा-पानी को 'लक्जरी' बना दिया गया है। वैश्विक ईंधन कीमतें गिरने पर भी ऊंची दरें व स्मार्ट मीटर से किसानों की लूट हो रही है।

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