बैतूल , अक्टूबर 3 -- मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के मुलताई तहसील के सिरसावाड़ी गांव के किसान काशीनाथ खाड़े ने परंपरागत खेती छोड़ अफ्रीकन गेंदा उगाकर अपनी किस्मत बदल डाली है। जहां पहले गेहूं, सोयाबीन और मक्का की खेती से लागत निकालना भी मुश्किल था, वहीं अब वह प्रति एकड़ करीब एक लाख रुपए की कमाई कर रहे हैं।

काशीनाथ ने बताया कि पिछले वर्ष एक प्राइवेट कंपनी ने गांव आकर उन्हें गेंदा फूल की खेती करने की सलाह दी थी। कंपनी ने बीज और तकनीकी मदद उपलब्ध कराई और खेत से ही 10 रुपए किलो की दर से फूल खरीदने का करार किया। उन्होंने 4 एकड़ में गेंदा लगाया और पहले ही सीजन में अच्छा मुनाफा कमाया। प्रति एकड़ मात्र 2700 रुपए बीज और करीब 10 हजार रुपए खाद-दवा पर खर्च आया। डेढ़ महीने में फसल तैयार हो जाती है और एक सीजन में 8 से 10 बार फूलों की तुड़ाई होती है।

किसान बताते हैं कि हर हफ्ते लगभग 5000 किलो फूल निकलते हैं, जिसकी तुड़ाई पूरा परिवार मिलकर करता है। कंपनी के प्रतिनिधि गांव आकर फूल खरीद ले जाते हैं और समय पर भुगतान कर देते हैं। अब तक काशीनाथ को दो लाख रुपए की राशि मिल चुकी है।

उन्होंने बताया कि जहां पहले गेहूं और सोयाबीन की खेती से कर्ज चुकाना मुश्किल हो जाता था, वहीं गेंदा ने नई उम्मीद दी है। अब वे पूरे 9 एकड़ में अफ्रीकन गेंदा लगाने की योजना बना रहे हैं। यह नकदी फसल जल्दी तैयार होती है और बाजार की चिंता भी नहीं है।

गांव में गेंदा की खेती अब अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणा बन रही है। कंपनी इन फूलों से जैविक खाद और दवाएं बनाती है, जिनकी बाजार में मांग लगातार बनी रहती है।

काशीनाथ खाड़े की यह सफलता कहानी साबित करती है कि नई सोच और मेहनत से किसान अपनी जिंदगी और गांव की तस्वीर दोनों बदल सकते हैं।

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