बैतूल , अक्टूबर 14 -- बैतूल में कलेक्टर जनसुनवाई के दौरान जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) के जिला अध्यक्ष एवं जिला पंचायत सदस्य संदीप कुमार धुर्वे ने जिले के अधिकारियों पर आदिवासियों के वन अधिकार दबाने का आरोप लगाया। उन्होंने अधिवक्ता महेश शाह उइके के साथ कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि आदिवासी विकास आयुक्त भोपाल द्वारा 16 अप्रैल 2015 को जारी आदेशों का पालन अब तक नहीं किया गया, जिससे सामुदायिक वन अधिकार लंबित हैं।
धुर्वे ने बताया कि एसडीएम बैतूल, मुलताई और भैंसदेही ने आदेशों की अवहेलना करते हुए लंबित भूमियों को आरक्षित वन घोषित करने के प्रस्ताव भेजे हैं, जो संविधान, पेसा कानून 1996 और वन अधिकार अधिनियम 2006 का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि जिले के 455 ग्रामों की 74 हजार 31 हेक्टेयर भूमि को कलेक्टर की अनुमति के बिना वर्किंग प्लान में दर्ज किया गया है, जो सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की अवमानना है।
जयस ने कलेक्टर से मांग की कि दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए और वर्ष 2015 के आदेशों के अनुसार आदिवासी ग्रामों के सामुदायिक वन अधिकारों की मान्यता की कार्यवाही प्रारंभ की जाए।
दूसरे ज्ञापन में धुर्वे ने कहा कि वर्ष 1980-81 के वनग्रामों के मानचित्र, निस्तार पत्रक और अभिलेख अब तक ग्रामसभाओं को नहीं दिए गए हैं। उन्होंने सीमांकन और सर्वेक्षण की प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने की भी मांग की। धुर्वे ने चेतावनी दी कि जब तक आदिवासियों के सामुदायिक अधिकारों को मान्यता नहीं मिलती, जयस का आंदोलन जारी रहेगा।
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