लखनऊ , दिसंबर 24 -- उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने अनुपूरक बजट को लेकर राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री समय-समय पर बजटीय समीक्षा करें तो सरकार को समय रहते यह पता चल सकता है कि किस विभाग के पास कितना बजट उपलब्ध है।

श्री पांडेय ने याद दिलाया कि पहले जिलों में कमेटियां बनाई जाती थीं, जो बजट की सिफारिश करती थीं, लेकिन सरकार ने इस व्यवस्था को बंद कर दिया है। अब इसे फिर से शुरू किया जाना चाहिए।

अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष ने यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि अनुपूरक बजट लाना गलत नहीं है, लेकिन यह बहुत अच्छा भी नहीं कहा जा सकता। बजट बनाते समय सभी संभावनाओं पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए, क्योंकि यह एक बड़ी और स्थापित परंपरा है।

श्री पांडेय ने कहा कि इस बार अनुपूरक बजट में करीब 24 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जबकि मूल बजट में लगाए गए अनुमान की तुलना में सरकार को लगभग 30 प्रतिशत कम राजस्व प्राप्त हुआ है।

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार विकास कार्यों की बजाय प्रचार-प्रसार पर अधिक धन खर्च करना चाहती है। बजट की कमी होने पर थोड़ी-थोड़ी राशि खर्च कर काम चलाया जाता है। उन्होंने आवास विकास विभाग का जिक्र करते हुए कहा कि जिस बजट का प्रावधान किया गया, उसमें से लगभग 80 प्रतिशत राशि खर्च करने की अनुमति दी गई, लेकिन मूल बजट के अनुसार अब तक स्वीकृतियां जारी नहीं हुई हैं।

दैवीय आपदाओं के मुआवजे का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि पैसा जारी होने के बाद तहसीलदार द्वारा वितरण किया जाता है लेकिन बजट की कमी के कारण लोगों को मदद नहीं मिल पाती और वे नेताओं के चक्कर काटने को मजबूर होते हैं। उन्होंने मांग की कि राजस्व विभाग को पूरा बजट उपलब्ध कराया जाए, ताकि जरूरतमंदों की समय पर सहायता हो सके।

श्री पांडेय ने कहा कि विपत्तियां अक्सर गरीबों के घरों में आती हैं, बड़े लोगों के घरों में नहीं। इसलिए सरकार को गरीबों का विशेष ख्याल रखना चाहिए और राहत व पुनर्वास के लिए पर्याप्त संसाधन सुनिश्चित करने चाहिए।

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