भोपाल , दिसंबर 1 -- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) मध्यप्रदेश ने आज सोमवार को तकनीकी और उच्च शिक्षा मंत्री इंद्र सिंह परमार के आवास का घेराव कर राजीव गांधी प्रौद्योगकीय विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) और वीआईटी विश्वविद्यालय में चल रही वित्तीय, प्रशासनिक और अकादमिक अनियमितताओं के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। परिषद ने दो अलग-अलग ज्ञापन सौंपकर तत्काल कार्रवाई की मांग की।
अभाविप ने कहा कि आरजीपीवी की वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक की ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है, जिससे बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताओं की आशंका और बढ़ गई है। परिषद का आरोप है कि विश्वविद्यालय में भारी वित्तीय लेनदेन बिना अधिकृत आदेशों के किए गए, बैंक खातों का उचित रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है और विश्वविद्यालय की एफडी का मनमाना संचालन किया गया। परिषद ने 100 करोड़ रुपये से अधिक के कॉरपस फंड में भी गड़बड़ी की शक जताया है। संगठन का कहना है कि विश्वविद्यालय में इंटरनल कंट्रोल और मानक संचालन प्रक्रिया का अभाव होने से अव्यवस्थाएं लगातार बढ़ रही हैं।
अभाविप ने मांग की है कि पांच वर्षों की पूरी ऑडिट रिपोर्ट तत्काल सार्वजनिक की जाए, सभी वित्तीय अनियमितताओं की सीबीआई जांच कराई जाए और आरजीपीवी में धारा 54 लागू कर प्रशासन सरकार अपने हाथों में ले। परिषद ने यह भी कहा कि सुचारू संचालन के लिए विश्वविद्यालय को तीन भागों में विभाजित किया जाना चाहिए। परिषद ने घोषणा की कि जब तक मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
वीआईटी विश्वविद्यालय भोपाल से जुड़े मामले में अभाविप ने बताया कि छात्रों को निम्न गुणवत्ता का भोजन और दूषित पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। विरोध जताने वाले छात्रों के साथ मारपीट की गई और उन्हें धमकाकर दबाव बनाने की कोशिश की गई। परिषद ने कहा कि छात्रों को परीक्षा में फेल करने की धमकियां देकर उनके अधिकारों का हनन किया जा रहा है। प्रारंभिक जांच में कई गंभीर अनियमितताएं सामने आने के बाद परिषद ने मांग की है कि वीआईटी में तत्काल प्रशासक नियुक्त किया जाए और विश्वविद्यालय का पूर्ण नियंत्रण सरकार अपने हाथ में ले। परिषद ने उच्च स्तरीय समिति द्वारा विस्तृत जांच की भी मांग की है।
प्रांत मंत्री केतन चतुर्वेदी ने कहा कि आरजीपीवी में बढ़ती आर्थिक और अकादमिक गड़बड़ियों के बारे में परिषद पहले भी सरकार को सचेत कर चुकी है। उन्होंने कहा कि चार दिन पहले भी मंत्री को इन अनियमितताओं से अवगत कराया गया था। परिषद ने स्पष्ट किया कि जब तक आरजीपीवी में धारा 54 लागू नहीं होती, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।
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