नयी दिल्ली , नवम्बर 25 -- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अंतरराष्ट्रीय साझीदारों से भारत के जहाज निर्माण उद्योग की क्षमताओं का इस्तेमाल करते हुए मिलकर अगली पीढ़ी की समुद्री क्षमता विकसित करने का आग्रह किया है। श्री सिंह ने मंगलवार को यहां रक्षा उत्पादन विभाग के सेमिनार 'समुद्र उत्कर्ष' में कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और निजी क्षेत्र की साझेदारी के दम पर भारतीय जहाज निर्माण उद्योग क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने को तैयार है। उन्होंने कहा," भारत 'केवल जहाज ही नहीं, विश्वास' तथा 'केवल प्लेटफ़ॉर्म ही नहीं, साझेदारियां" बनाकर समुद्री शताब्दी का आकार देने में योगदान के लिए तैयार है।
श्री सिंह ने उद्योग जगत के हितधारकों, विदेशी साझीदारों, प्रतिनिधियों तथा सशस्त्र बलों और मंत्रालयों के अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा, "भारत को वास्तव में जो चीज अलग बनाती है, वह इसका एकीकृत एंड-टू-एंड जहाज निर्माण इकोसिस्टम है। संकल्पना डिजाइन और मॉड्यूलर निर्माण से लेकर आउटफ़िटिंग, रीफ़िट, मरम्मत और पूर्ण जीवन-चक्र समर्थन तक, जहाज निर्माण प्रक्रिया का हर चरण स्वदेशी रूप से विकसित और क्रियान्वित होता है। हमारे सार्वजनिक और निजी शिपयार्ड, हजारों एमएसएमई के सहयोग से, इस्पात, प्रोपल्शन, इलेक्ट्रॉनिक्स, सेंसर और उन्नत कॉम्बैट सिस्टम तक फैली एक मज़बूत वैल्यू चेन का निर्माण करते हैं।"रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत का जहाज निर्माण इकोसिस्टम तकनीकी परिपक्वता और औद्योगिक विशेषज्ञता वाले कई विश्व-स्तरीय प्लेटफ़ॉर्मों की मजबूती पर आधारित है। उन्होंने कहा कि भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत, कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी, तथा स्टील्थ फ्रिगेट्स और विध्वंसक पोत जैसी प्रमुख परियोजनाएं न केवल देश की नौसैनिक शक्ति को रेखांकित करती हैं, बल्कि बढ़ती डिजाइन क्षमताओं, ऑटोमेशन और सिस्टम इंटीग्रेशन विशेषज्ञता को भी दर्शाती हैं।
श्री सिंह ने कहा कि भारतीय शिपयार्ड वैश्विक वाणिज्यिक और द्वि-उपयोगी समुद्री उद्योग में प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभर रहे हैं। उन्होंने उच्च-स्तरीय यात्री और मालवाहक जहाजों, तटीय फेरियों, प्रदूषण-नियंत्रण एवं अनुसंधान जहाजों तथा इसरो और राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान के लिए दुनिया के सबसे उन्नत गहरे समुद्र खनन सहायता पोतों का उल्लेख किया। उन्होंने निजी क्षेत्र की सराहना करते हुए कहा कि वह हरित-ईंधन वाले जहाज, एलएनजी कैरियर्स, रोल-ऑन रोल-ऑफ पोत और घरेलू उपयोग एवं वैश्विक ग्राहकों के लिए उच्च दक्षता वाले वाणिज्यिक जहाज बनाकर 'फोर्स मल्टिप्लायर' के रूप में उभर रहा है।
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