कलेक्टर अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस उमरिया , अक्टूबर 15 -- मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर कक्षा 12वीं की छात्रा सुरुचि परस्ते ने एक दिन की सांकेतिक कलेक्टर बनकर जनसुनवाई में लोगों की समस्याएं सुनीं और उनके निराकरण के निर्देश दिए।
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर 'बेटी पढ़ाओ अभियान' के अंतर्गत माता शबरी आवासीय कन्या शिक्षा परिसर की 12वीं की छात्रा सुरुचि परस्ते को एक दिन के लिए सांकेतिक कलेक्टर बनाया गया। उन्हें कलेक्टर की कुर्सी पर बैठाया गया और जिले के विभिन्न विभागों से जुड़े अधिकारियों के साथ जनसुनवाई का संचालन करने का अवसर दिया गया।
इस दौरान वास्तविक जिला कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन, प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे। सुरुचि ने जनसुनवाई में जिले के दूरदराज से आए लोगों की समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुना और उनके समाधान के निर्देश दिए।
छात्रा सुरुचि परस्ते ने कहा कि यह उनके जीवन का गर्वपूर्ण क्षण है। उन्होंने कहा-"बेटियां अब बोझ नहीं, वरदान हैं। यदि बेटियां शिक्षित होंगी तो समाज शिक्षित होगा। बेटियां एक नहीं, दो कुलों का नाम रोशन करती हैं, इसलिए उन्हें अवश्य पढ़ाना चाहिए।" सुरुचि परस्ते उमरिया जिले के आदिवासी गांव मरदरी की निवासी हैं। उनके पिता एक दुकान में कार्यरत हैं और माता गृहिणी हैं।
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