नई दिल्ली, सितम्बर 17 -- सनातन धर्म में पूजा-पाठ का अपना एक विशेष महत्व है। नियमित रूप से सुबह स्नान करके भगवान की पूजा-अर्चना करने से मन शुद्ध रहता है। साथ ही पूरा दिन एनर्जेटिक फील होता है, जिससे हर काम में मन लगता है। वहीं समय-समय पर भजन कर लेने से भी भगवान के आशीर्वाद के साथ-साथ ढेर सारा सुकून मिलता है। वास्तुशास्त्र में पूजा घर से लेकर पूजा करने की दिशा तक बताई गई है। माना जाता है कि वास्तु के हिसाब से अगर पूजा करते हैं तो इससे मिलने वाला फल दोगुना हो जाता है। वहीं भजन को लेकर भी वास्तुशास्त्र में कई चीजें बताई गई है। जानते हैं इससे जुड़े कुछ नियम...इस दिशा में करें भजन शास्त्र के हिसाब से भजन करने के लिए सबसे उत्तम दिशा पूर्व और उत्तर है। पूर्व की ओर दिशा करने से कई लाभ मिलते हैं क्योंकि ये सूर्य की दिशा है। इस दिशा में बैठकर भजन कर...
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