नई दिल्ली, सितम्बर 19 -- उत्तर प्रदेश में आबादी की जमीन के अधिग्रहण पर भी मुआवजा देने का फैसला सरकार लेने जा रही है। शर्त यह कि प्रभावित व्यक्ति का जमीन पर 1951 से पहले से कब्जा रहा हो। सूबे में पहली बार बनारस में इसी व्यवस्था के तहत जमीन अधिग्रहण किया जा रहा है। जिसमें चार हेक्टेयर जमीन ले ली गई है। अब तक आबादी की जमीन पर हुए निर्माण का मुआवजा देने का प्रावधान है। बनारस में नया प्रयोग सफल होने पर शासन के कहने पर जिला प्रशासन ने पूरे प्रदेश में नए प्रावधान को लागू करने के लिए प्रस्ताव भेजा है। किसी परियोजना में जमीन अधिग्रहण के दौरान केवल खतौनी में अंकित नाम के हिसाब से प्रभावित को मुआवजा और पुनर्वास की व्यवस्था तय है। इस दौरान आबादी की जमीन पर काबिज व्यक्ति को केवल उसके निर्माण की लागत को बतौर मुआवजा दिया जाता है। मुख्यमंत्री ने हाल ही म...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.