हिन्दुस्तान ब्यूरो, अक्टूबर 1 -- SIR In Bihar: बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने 22 साल के लंबे अंतराल के बाद बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान चलाया। एसआईआर की अवधि कम रखे जाने और मतदाता पहचान के प्रमाणपत्र को लेकर आयोग को विपक्ष का कड़ा विरोध भी झेलना पड़ा। 25 जून 2025 से एसआईआर की शुरुआत के बाद एसआईआर और विपक्ष की तकरार साथ-साथ चली। विपक्ष का यह विरोध पटना उच्च न्यायालय से होते हुए सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंचा। हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग की इस प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन मतदाता सूची अद्यतन करते समय लोगों से लिये जाने वाले प्रमाणपत्र में आधार कार्ड को वैध दस्तावेज मानने का निर्देश चुनाव आयोग को दिया। सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले से जुड़ी सुनवाई में यह भी...