नई दिल्ली, अगस्त 17 -- Pitru Paksha Shradh 2025 : पितृ पक्ष का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है। पितृ पक्ष को श्राद्ध पक्ष के नाम से भी जाना जाता है। भाद्र मास में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष की शुरुआत होती है। आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि तक पितृ पक्ष रहता है। इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध भी होता है। ब्रह्म पुराण के मुताबिक मनुष्य को पूर्वजों की पूजा करनी चाहिए और उनका तर्पण करना चाहिए। पितरों का ऋण श्राद्ध के जरिए चुकाया जा सकता है। पितृपक्ष में श्राद्ध करने से पितृगण प्रसन्न रहते हैं। पितृपक्ष में पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण या पिंडदान किया जाता है। पितृ पक्ष में मृत्यु की तिथि के अनुसार श्राद्ध किया जाता है। अगर किसी मृत व्यक्ति की तिथि ज्ञात न हो तो ऐसी स्थिति में अमावस्या त...