नई दिल्ली, अक्टूबर 8 -- Shani Margi sadesati and Dhaiya Effect: ज्योतिष शास्त्र में शनि को न्याय देवता माना गया है। शनि हर व्यक्ति को उसके कर्म के अनुसार फल प्रदान करते हैं। शनि के अशुभ परिणामों से हर व्यक्ति भयभीत रहता है। लेकिन शनि हमेशा अशुभ फल ही प्रदान करते हैं, ऐसा नहीं है। जन्मकुंडली में शनि की स्थिति के आधार पर अच्छे-बुरे फल मिलते हैं। इस समय शनि मीन राशि में वक्री अवस्था में हैं। शनि 13 जुलाई को वक्री हुए थे और करीब 138 दिन बाद 28 नवंबर को सुबह 09 बजकर 20 मिनट पर मार्गी होंगे। शनि के मार्गी होने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या वाले खास तौर पर प्रभावित होंगे। इस समय मेष, कुंभ व मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती और सिंह व धनु राशि वालों पर शनि ढैय्या चल रही है। शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या से पीड़ित राशि वालों को कई तरह की परेशानियों क...