नई दिल्ली, अक्टूबर 14 -- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जल्द ही डिजिटल पेमेंट्स इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म (DPIP) शुरू करने जा रहा है, जो AI की मदद से पेमेंट फ्रॉड को रीयल-टाइम में पहचान और रोक सकेगा। शुरुआती चरण में, आरबीआई ने एक निगेटिव रजिस्ट्री बनाई है, जिसमें टेलीकॉम कंपनियों और भारतीय साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) का डेटा जोड़ा गया है, ताकि संदिग्ध या फ्रॉड से जुड़े खातों और संस्थाओं को चिन्हित किया जा सके। यह प्लेटफॉर्म आरबीआई के इनोवेशन हब द्वारा विकसित किया गया है और फिलहाल कई बैंकों में लागू हो रहा है। बता दें वित्त वर्ष 2024-25 में बैंकों ने कार्ड और इंटरनेट फ्रॉड के 13,516 मामले रिपोर्ट किए, जिनमें 520 करोड़ रुपये की राशि शामिल थी। इनमें अधिकतर घटनाएं डिजिटल चैनलों जैसे कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग से जुड़ी थीं। निजी बैंकों में सबसे ज...