नई दिल्ली, अगस्त 19 -- What to do in pitru paksha 2025: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष प्रारंभ होते हैं और आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि तक पितृ पक्ष रहता है। पितृ पक्ष को श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है। इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, श्राद्ध व पिंडदान किया जाता है। मान्यता है कि पितृ पक्ष में श्राद्ध कर्म, तर्पण व पिंडदान करने से पितृगण प्रसन्न होते हैं, जबकि इस अवधि में कुछ कार्यों को करने की मनाही होती है। जानें पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पितृ पक्ष में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। पितृ पक्ष कब से शुरू होंगे: इस बार पितृ पक्ष 07 सितंबर 2025 से प्रारंभ होंगे और 21 सितंबर 2025 को पितृ पक्ष का ...