नई दिल्ली, जून 20 -- Rafael: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद से ही वैश्विक राजनीति बदलने लगी है। ट्रंप ने सत्ता में आने के साथ ही यूरोपीय देशों को इस तरीके से खरी-खोटी सुनाई कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद से ही नाटो की सैन्य क्षमता के नीचे रहने वाले यूरोप को, दूसरे विकल्पों के बारे में भी सोचना शुरू करना पड़ा। ट्रंप की तरफ से साफ तौर पर कह दिया गया था कि यूरोपीय देश या तो अपने सैन्य बजट बढ़ाएं या फिर नाटो के तहत अमेरिकी सैन्य शक्ति का सहारा लेना छोड़ दें। ट्रंप की नाटो से अलग होने की धमकी और उसके बाद यूक्रेन को लेकर दबाव वाली नीति ने यूरोप को सैन्य क्षमता बढ़ाने के लिए विवश कर दिया है।यूक्रेन के राष्ट्रपति से लेकर तमाम राष्ट्राध्यक्ष इस बात पर एक साथ आ गए कि यूरोप की अपनी सेना या अपनी सैन्य क्षमता होनी चाहिए। इन्ह...
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