नई दिल्ली, सितम्बर 23 -- दिल्ली हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा है कि अस्पताल और मॉल्स जैसी व्यवसायिक इमारतें लोगों से पार्किंग शुल्क वसूल सकती हैं। इसके साथ ही अदालत ने दिल्ली नगर निगम (MCD) के उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें उसने कहा था कि इन इमारतों को तकनीकी रूप से इस तरह के शुल्क वसूलने की अनुमति नहीं है। फैसला सुनाते हुए अदालत ने पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के दिए फैसले का हवाला भी दिया। उधर MCD ने अपने दावे के समर्थन में अदालत को बताया था कि ऐसी व्यवसायिक इमारतें इसलिए पार्किंग शुल्क नहीं ले सकतीं, क्योंकि इन इमारतों के कुल क्षेत्रफल (जिसे फ्लोर एरिया रेशो या FAR भी कहा जाता है) में पार्किंग क्षेत्र को नहीं गिना जाता है, हालांकि अदालत ने नगर निगम के इस तर्क को नहीं माना और इसे दोषपूर्ण बताया। जस्टिस मिनी पुष्करणा ने यह...