नई दिल्ली, अगस्त 16 -- द्वापर युग और श्री कृष्ण का गहरा नाता है। इस युग में श्री कृष्ण ने भगवान विष्णु के आठवें अवतार के रूप में धरती पर जन्म लिया था। उनका जन्म भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था। जन्म का समय आधी रात था। सनातन धर्म में आज के दिन का खास महत्व होता है। देश-विदेश के कृष्ण मंदिरों की रौनक आज देखते ही बनती है। वहीं घरों में भी लोग परंपरा के तौर पर जन्माष्टमी की रात को श्री कृष्ण का जन्म करवाते हैं। इस दौरान विधि विधान के साथ पूजा की जाती है। साथ ही डंठल वाले खीरे से ही लड्डू गोपाल का जन्म करवाया जाता है। अब ऐसे में एक सवाल ये बहुत कॉमन हो जाता है कि आखिर खीरे को काटने के बाद उसका किया क्या जाए? नीचे समझते है सारी चीजें विस्तार से...ऐसे करवाते हैं श्री कृष्ण का जन्म जन्माष्टमी पर शुभ मुहूर्त के दौरान श्री कृष्...