नई दिल्ली, दिसम्बर 27 -- दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि मनी लॉन्ड्रिंग जांच में सिर्फ गवाह या संदिग्ध के तौर पर बुलाए गए व्यक्ति के खिलाफ गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी नहीं किए जा सकते, जब तक कि उस व्यक्ति पर गैर-जमानती अपराध का आरोप न हो जाए। लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस अमित शर्मा की बेंच ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा लंदन के बिजनेसमैन सचिन देव दुग्गल के खिलाफ जारी किए गए गैर जमानती वारंट को रद्द कर दिया। ईडी ने दुग्गल को इस आधार पर गैर जमानती वारंट जारी करने की मांग की थी कि वह मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 50 के तहत जारी समन के जवाब में पेश नहीं हुए। दूसरी ओर, याचिकाकर्ता दुग्गल ने तर्क दिया कि वह न तो आरोपी थे और न ही समन विदेश में रहने वाले व्यक्तियों पर लागू कानूनी प्रक्रि...