नई दिल्ली, सितम्बर 25 -- दुर्गा पूजा का पर्व पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम, त्रिपुरा, बिहार और झारखंड में, धूमधाम से मनाया जाता है। यह प्रतिपदा से शुरू नहीं होता बल्कि पंचमी तिथि से शुरू होता है। कुल पांच दिनों के इस पर्व में बिल्व निमंत्रण से मां को आमंत्रित किया जाता है। षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी और दशमी तिथि में हर तिथि का अपना महत्व है। हर तिथि पर विशेष प्रकार का अनुष्ठान किया जाता है। इसके बाद बंगाल की दुर्गा पूजा में कलश स्थापना पहले दिन नहीं बल्कि पांचवे दिन होती है। नवरात्र की पंचमी तिथि से कलश स्थापना के साथ दुर्गा पूजा शुरू होती है। सप्तमी, अष्टमी और नवमी इन दिनों में खास पूजा होती है। पंचमी तिथि पर बिल्व निमंत्रण, इसके बाद षष्ठी तिथि पर कल्पारम्भ, अकाल बोधन, आमंत्रण और अधिवास होता है। इसके बाद सप्तमी तिथि पर कोलाबौ पूजा, अष्टमी 30...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.