नई दिल्ली, अक्टूबर 11 -- अहोई अष्टमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे मुख्य रूप से माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र, स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि की कामना के लिए करती हैं। यह व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को पड़ता है और इसे अहोई माता को समर्पित माना गया है। अहोई माता को बच्चों की रक्षक देवी के रूप में पूजा जाता है और श्रद्धालु इस दिन विशेष व्रत और पूजा विधि का पालन करते हैं। अहोई अष्टमी पर घर में माता का चित्र या मिट्टी की आकृति बनाकर उसकी पूजा की जाती है। अहोई अष्टमी का व्रत संतान के लिए किया जाता है। इस दिन माताएं संतान की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए उपवास रखती हैं और अहोई माता की पूजा करती हैं। इस दिन की सबसे खास परंपरा है - तारों को अर्घ्य देना। सूर्यास्त के बाद महिलाएं तारे देखकर अहोई माता की कृपा के लिए ज...