अररिया, जून 15 -- भरगामा। भरगामा सहित पूरे सीमांचल में मक्का को पीला सोना कहा जाता है। मक्का खेती के प्रति रूझान का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले पांच वर्षों में इसका रकवा लगातार बढ़ता जा रहा है । यह रकवा बढ़कर पांच गुना हो गयी है। लेकिन अब तक किसानों की न तो तकदीर बदली है और न ही तस्वीर। किसानों का कहना है कि सरकार धान व गेहूं फसल की तरह प्राथमिक कृषि साख सहयोग समिति पैक्स व व्यापार मंडल के जरिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 25 सौ निर्धारित कर मक्का खरीद की व्यवस्था सुनिश्चित करे । ताकि किसानों की मेहनत के अनुरूप उचित मूल्य मिल सकेगा और व्यापारियों की मनमानी पर रोक लगेगी। इससे किसानों के जीवन स्तर में और अधिक सुधार होगा। सरकारी स्तर पर खरीद के अलावे बाजार में सरकारी एजेंसियों की गैर मौजूदगी का सबसे बड़ा फायदा बिचलन बिचौलियों और बड़े व्य...