किशनगंज, दिसम्बर 25 -- किशनगंज। हिन्दुस्तान प्रतिनिधि कालाजार बीमारी धीरे-धीरे शरीर को कमजोर करता है, खून की कमी बढ़ाता है, आंतरिक अंगों को प्रभावित करता है और यदि समय पर इलाज न मिले तो मृत्यु तक का कारण बन सकता है। सबसे खतरनाक बात यह है कि इसके शुरुआती लक्षण सामान्य बुखार जैसे होते हैं, जिससे लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते और इलाज में देरी हो जाती है। इसी गंभीर खतरे को देखते हुए केंद्र एवं राज्य सरकार ने वर्ष 2027 तक कालाजार के पूर्ण उन्मूलन का स्पष्ट और समयबद्ध लक्ष्य तय किया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अब रणनीति बदल दी गई है अब अस्पताल में इंतजार करने के बजाय स्वास्थ्य व्यवस्था स्वयं लोगों के घर तक पहुंच रही है। इसी क्रम में 22 दिसंबर 2025 से जिले में विशेष घर-घर कालाजार रोगी खोज अभियान प्रारंभ किया गया है, जो 31 दिसंबर 2025 तक ल...