नई दिल्ली, अगस्त 12 -- ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना ने दुश्मन के सैन्य ठिकानों और संपत्तियों को निशाना बनाने के लिए लंबी दूरी के स्टैंड-ऑफ हथियारों का खूब इस्तेमाल किया। इसे देखते हुए भारतीय वायुसेना अब 200 किलोमीटर से अधिक की मारक क्षमता वाली मिसाइलों पर फोकस कर रही है। ये हवा-से-जमीन, हवा-से-हवा और जमीन-से-हवा में टागेट को भेद सकेंगी। ऑपरेशन के दौरान वायुसेना ने ब्रह्मोस, स्कैल्प, रैम्पेज और क्रिस्टल मेज जैसी मिसाइलों का इस्तेमाल किया, जिनकी मारक क्षमता 200 किमी से काफी अधिक है। रक्षा अधिकारियों ने बताया कि भारतीय वायुसेना विभिन्न श्रेणियों में 200 किमी से अधिक की मारक क्षमता वाली मिसाइलों को प्राथमिकता दे रही है। यह भी पढ़ें- अधिकारियों को फटकारने का कोई शौक नहीं है, सुप्रीम कोर्ट ने किस मामले में कहा ऐसा वायुसेना ने रक्षा अनुसंधान और व...