नई दिल्ली, अक्टूबर 30 -- टाटा ट्रस्ट्स से मेहली मिस्त्री के जाने से न केवल चेयरमैन नोएल टाटा की सार्वजनिक चैरिटी संस्थाओं के भीतर स्थिति को मजबूत किया है, बल्कि $180 अरब के टाटा ग्रुप पर उनके प्रभाव को भी बढ़ा दिया है। इससे नोएल को टाटा साम्राज्य के धर्मार्थ और रणनीतिक हिस्सों पर अधिक नियंत्रण मिल गया है और उनकी दोनों जगहों पर अहम फैसलों को आकार देने की क्षमता बढ़ गई है।ट्रस्ट्स में तनाव और मतभेद कई महीनों से ट्रस्ट्स के भीतर मतभेद चल रहे थे, जहां कुछ ट्रस्टियों की नजर में मिस्त्री फैसला लेने की प्रक्रिया को धीमा कर रहे थे। उनके अनुसार, मिस्त्री का प्रस्थान नेतृत्व में स्पष्टता और अधिकार वापस लाता है। यह विभाजन सितंबर में स्पष्ट हो गया था, जब मिस्त्री के नेतृत्व वाले गैर-नामांकित निदेशकों ने टाटा संस के बोर्ड में ट्रस्ट्स के नामांकित निदे...