नई दिल्ली, सितम्बर 10 -- राष्ट्रपति के संदर्भ को लेकर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में बुधवार को भी सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान तुषार मेहता ने संविधान पीठ को बताया कि 1970 से अब तक देशभर में 17 हजार से अधिक विधेयकों में से राज्यपालों ने केवल 20 विधेयक ही रोके हैं। 90 फीसदी विधेयकों को राज्यपाल ने एक माह से कम समय में मंजूरी दे दी। मेहता ने कहा कि क्या यह शक्ति का तुरंत और सही इस्तेमाल नहीं है। हालांकि, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने आपत्ति जताई कि जब वे 2014 के बाद रोके गए या विलंबित विधेयकों के आंकड़े पेश कर रहे थे, तब मेहता ने आपत्ति की थी। इस पर मेहता ने कहा, लेकिन मैं 1970 से राज्यपालों के कार्यों की बात कर रहा हूं और मैं आपकी सरकारों की भी प्रशंसा कर रहा हूं। सिब्बल ने पलटवार करते हुए कहा कि पहले राज्यपालों के सा...